भाई- बहनों में सबसे छोटी थी कल्पना, इस नाम से बुलाते थे घरवाले

पहली भारतीय महिला अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला का आज 61वां बर्थ एनिवर्सरी है। जिसे पूरे देश में सेलिब्रेट किया रहा है। अगर कल्पना चावला आज हमारे बीच होती तो आज हम उनका जन्मदिवस और भी खुशी के साथ सेलिब्रेट कर रहे होते। बता दें कि कल्पना चावला का 17 मार्च 1962 को हरियाणा के करनाल में पैदा हुईं थीं। कल्पना की शुरुआती पढ़ाई करनाल के ही टैगोर बाल निकेतन में पूरी हुई थी। वह एक सामान्य परिवार से ताल्लुक रखती थी। उन्होंने चंडीगढ़ के पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक की डिग्री हासिल की। जिसके उपरांत वह एम. टेक की पढ़ाई करने अमेरिका चली गई। इसी बीच उन्हें प्यार भी हुई और उन्होंने बाद में विवाह भी कर लिया। 

उन्हें प्यार से मोंटू कहते थे: कल्पना 4 भाई-बहनों में सबसे छोटी थीं। उन्हें प्यार से मोंटू कहकर बुलाया करते थे। 1995 में कल्पना नासा में अंतरिक्ष यात्री के तौर पर शामिल हुईं और 1998 में उन्हें अपनी पहली उड़ान के लिए चुन लिया गया। यह यात्रा उनकी सफल रही और दुनिया भर में इस भारत की बेटी ने अपना परचम भी लहरा दिया।दूसरी बार उन्हें फिर चुना गया। सभी लोग बेसब्री से उनके लौटने की प्रतीक्षा कर रहे थे। लेकिन खबर कुछ ऐसी आई कि सबके चेहरों पर खुशी की जगह मातम छा गया। वैज्ञानिकों के अनुसार जैसे ही कोलंबिया ने पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश किया, वैसे ही उसकी उष्मारोधी परतें फट गईं और यान का तापमान बढ़ने के कारण वह हादसा हुआ।   

कल्पना चावला अंतरिक्ष में जाने वाली प्रथम महिला थीं। 1 फरवरी 2013 में जिस अंतरिक्ष यान से वह लौट रही थीं उस यान में कल्पना चावला सहित 7 लोग सवारी कर रहे थे। इन में सभी 7 लोगों की जान चली गई थी। यान कोलंबिया शटल STS-107 करीब 2 लाख फीट की ऊंचाई पर था। जिसकी रफ्तार करीब 20 हजार किलोमीटर प्रति घंटा थी। यह यान 16 मिनट बाद पृथ्वी पर उतरने ही वाला था लेकिन तभी यह हादसा हो गया जिसमें सभी की जान चली गई।

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