श्रीनगर: भारत द्वारा शासित कश्मीर के पुलवामा ज़िले में एक मुठभेड़ में तीन चरमपंथी मारे गए हैं. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार घेरे गए चरमपंथियों को फरार होने में मदद देने का प्रयास कर रहे छह प्रदर्शनकारी भी मारे गए हैं. इन मौतों के बाद पुलवामा और नजदीकी इलाकों पर लोग सड़कों पर उतर आए और सुरक्षाबलों पर पथराव किया. मध्यप्रदेश में हो रही कमलनाथ की ताजपोशी, लेकिन जश्न मना रहा यूपी का ये शहर उल्लेखनीय है कि मुठभेड़ स्थलों के पास आम नागरिकों के मारे जाने के इस साल कई मामले सामने आए हैं. अब तक ऐसी घटनाओं में इस साल 45 से अधिक लोगों की मौत हुई है, जिसमें दो महिलाएं शामिल हैं. मुठभेड़ स्थल के पास आम नागरिकों के इकठ्ठा होने का ट्रेंड 2016 में आतंकी कमांडर बुरहान वानी की मारे जाने के बाद से शुरू हुआ है. एक अध्ययन में सामने आया, याददाश्त के लिए नोट्स से बेहतर है चित्र बनाना अधिकारियों का कहना है कि हालात इस साल और अधिक बदतर हुए हैं और पुलिस की चेतावनियों के बाद भी लोग घटनास्थल से नहीं हटते हैं और मुठभेड़ वाले इलाकों में जमा हो जाते हैं. पुलिस के अनुसार इस वर्ष 'ऑपरेशन ऑल आउट' में अब तक 240 आतंकी मारे जा चुके हैं. अधिकारियों ने ये भी दावा किया है कि अब भी लगभग 230 चरमपंथी घाटी में अलग-अलग स्थानों पर सक्रिय हैं. खबरें और भी:- अमित शाह को मुख्य अतिथि बनाने पर खड़ा हुआ विवाद, आप नेता ने कहा शाह हिन्दू नहीं हैं वित्तमंत्री ने बताए आंकड़े, विलफुल डिफॉल्टरों के खिलाफ 2500 एफआइआर हुई दर्ज प्रतिमाह वेतन 2 लाख 92 हजार रु, तकनीकी सहायक, मैनेजर के लिए निकाली वैकेंसी