जानिए कौन थी क्लारा जेटकिन? जिसके कारण मनाया जाने लगा अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस

आज से लगभग 100 से अधिक समय पहले अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का आरम्भ हुआ था। इसका सुझाव भी एक औरत ने ही दिया था, जिनका नाम क्लारा जेटकिन था। क्लारा यूं तो मार्क्सवादी चिंतक तथा कार्यकर्ता थीं, लेकिन महिलाओं के अपने हक़ के प्रश्न पर भी वह निरंतर एक्टिव रहीं। 1910 में कोपेनहेगन में कामकाजी औरतों की एक अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस आयोजित हुई। इसी कॉन्फ्रेंस में प्रथम बार उन्होंने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने का सुझाव दिया था। उस कॉन्फ्रेंस में 17 देशों की लगभग 100 महिलाऐं उपस्थित थीं। उन सभी ने क्लारा के इस सुझाव का सपोर्ट किया। 

सबसे प्रथम वर्ष 1911 में ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी तथा स्विट्ज़रलैंड में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया था। किन्तु तकनीकी रूप में इस वर्ष हम 109वां अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मना रहे हैं। वर्ष 1975 में महिला दिवस को ऑफिशियल मान्यता उस समय दी गई थी जब संयुक्त राष्ट्र ने इसे वार्षिक रूप से एक थीम के साथ मनाना आरम्भ किया। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की फर्स्ट थीम थी 'सेलीब्रेटिंग द पास्ट, प्लानिंग फॉर द फ्यूचर।'

वही महिलाओं की हड़ताल के दबाव की वजह से वहां के सम्राट निकोलस को पद छोड़ने के लिए विवश होना पड़ा। इस घटना के फलस्वरूप वहां की अंतरिम सरकार ने स्थानीय महिलाओं को मतदान का हक़ दे दिया। उस वक़्त रूस में जूलियन कैलेंडर का इस्तेमाल होता था। जिस दिन महिलाओं ने यह हड़ताल आरम्भ की थी वो दिनांक 28 फरवरी थी। ग्रेगेरियन कैलेंडर में यह दिन 8 मार्च था तथा उसी के पश्चात् से अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च को मनाया जाने लगा।

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