लाल किले की प्राचीर से बोले पीएम मोदी- 'कुछ ऐसा नहीं जो कर ना सको, कुछ ऐसा नहीं जो पा ना सको'

नई दिल्ली: देश आज स्वतंत्रता की 75वीं सालगिरह मना रहा है। इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने आज निरंतर आठवीं बार लाल किले की प्राचीर पर तिरंगा फहराया तथा राष्ट्र को संबोधित किया। अपने संबोधन के समय प्रधानमंत्री ने कई बड़े नेताओं को याद करते हुए कहा, भारत के पहले पीएम नेहरू जी हों, देश को एकजुट राष्ट्र में परिवर्तित करने वाले सरदार पटेल हों या भारत को भविष्य का मार्ग दिखाने वाले बाबासाहेब अम्बेडकर, देश ऐसे प्रत्येक व्यक्तित्व को याद कर रहा है, देश इन सबका ऋणी है।

प्रधानमंत्री ने जश्न के इस अवसर पर पूरे देशवासियों को शुभकामनाएं दी तथा कहा कि हमारा देश कोरोना वैश्विक महामारी में जनता की सेवा में जुटे चिकित्सक, हमारे नर्सेस, हमारे पैरामेडिकल स्टाफ, सफाईकर्मी, वैक्सीन बनाने मे जुटे वैज्ञानिक, सेवा में जुटे नागरिक, सभी को वंदन करता है। वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने लाल किले पर अपने संबोधन को समाप्त करने से पहले जोश से भरी एक कविता भी पढ़ी। उन्होंने कविता पढ़ते हुए कहा…

यही समय है, सही समय है, भारत का अनमोल समय है। असंख्य भुजाओं की शक्ति है, हर तरफ़ देश की भक्ति है, तुम उठो तिरंगा लहरा दो, भारत के भाग्य को फहरा दो यही समय है, सही समय है, भारत का अनमोल समय है। कुछ ऐसा नहीं जो कर ना सको, कुछ ऐसा नहीं जो पा ना सको, तुम उठ जाओ, तुम जुट जाओ, सामर्थ्य को अपने पहचानो, कर्तव्य को अपने सब जानो, भारत का ये अनमोल समय है, यही समय है, सही समय है।

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