'टीचर कैसे जानेंगे कि बच्चा समझ रहा है या नहीं..', हिजाब विवाद पर बोले हिमंत बिस्वा सरमा

गुवाहाटी: कर्नाटक में चल रहे हिजाब विवाद पर अब सियासत शुरू हो गई है। इस विवाद में अब असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने भी प्रतिक्रिया दी है। मीडिया से बातचीत में उन्होंने हिजाब क्यों जरूरी नहीं है, इस पर अपना राय रखी। सरमा ने कहा कि एक टीचर को कैसे पता चलेगा कि कोई स्टूडेंट समझ रहा है या नहीं, यदि उन्होंने हिजाब पहन रखा है? किसी ने 3 वर्ष पहले नहीं कहा कि वे हिजाब पहनना चाहते हैं ? मुस्लिम समुदाय को शिक्षा की आवश्यकता है, हिजाब की नहीं। राजनीतिक इस्लाम कांग्रेस द्वारा प्रायोजित है।

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि शिक्षण संस्थानों में हिजाब पहनने का कोई औचित्य नहीं है। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि अभी जो कर्नाटक में हो रहा है, वो ज्ञान मंदिर में हिजाब का मुद्दा है। यदि किसी ने कक्षा में हिजाब पहना है तो पढ़ाते समय शिक्षक को कैसे पता चलेगा कि किसी छात्र का ध्यान पढ़ाई में है या नहीं। उन्होंने आगे कहा कि किसी ने तीन सालों से हिजाब को लेकर कुछ नहीं कहा। अचानक अभी ही इस पर क्यों हल्ला है। ये सब सियासत के लिए किया जा रहा है।

उन्होंने आगे कहा कि, 'मैं दो प्रकार के इस्लाम को समझता हूं। एक धार्मिक इस्लाम और दूसरा सियासी इस्लाम। धार्मिक इस्लाम में कुरान (धर्म ग्रंथ) के हिसाब से अच्छी बातें लिखी गई हैं। मगर ये दूसरे प्रकार का इस्लाम कांग्रेस द्वारा प्रायोजित है, जिस पर सियासत हो रही है। आप देखो अदालत में हिजाब पहनने के समर्थन में सारे वकील कांग्रेस के हैं। ये सब कांग्रेस द्वारा ही किया जा रहा है।'

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