अयोध्या मामला: अंतिम चरण में पहुंची सुनवाई, दो दिनों में पूरी हो जाएगी हिन्दू पक्ष की जिरह

नई दिल्‍ली: अयोध्या मामले को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में 39वें दिन की सुनवाई आज होगी. आज हिंदू पक्षों की तरफ से जिरह की जाएगी. अगले 2 दिन तक जिरह के साथ ही अयोध्या मामले की सुनवाई संपन्न हो जाएगी और शीर्ष अदालत अपना फैसला सुरक्षित रख लेगी. सोमवार को सर्वोच्च न्यायालय ने यूपी सरकार को निर्देश दिया था कि वो यूपी सुन्नी वक्फ बोर्ड के चेयरमैन जफर अहमद फारूकी को सुरक्षा उपलब्ध कराए. दरअसल, यूपी सुन्नी वक्फ बोर्ड के चेयरमैन ने मध्यस्थता पैनल के सदस्य श्रीराम पंचू से अपनी जान का खतरा बताते हुए सुरक्षा की मांग की थी.

वहीं, सोमवार को 38वें दिन की सुनवाई में मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने कहा था कि बाबर के काम की समीक्षा अब कोर्ट में नहीं की जा सकती. शीर्ष अदालत दोबारा इतिहास नहीं लिख सकती. यदि बाबर के काम की समीक्षा की जाएगी, तो सम्राट अशोक के काम की भी समीक्षा की जाएगी. मुस्लिम पक्ष के वकील धवन ने सवाल किया था कि क्या अदालत उन सभी 500 मस्जिदों की खुदाई की अनुमति देगा, जिन पर हिंदू पक्ष का दावा है कि वो मंदिर तोड़कर बनाई गई. यदि किसी दूसरे धार्मिक संस्थान के कुछ अवशेष मिलते भी हैं तो भी क्या 450 वर्ष बाद किसी मस्जिद को अवैध घोषित किया जा सकता है?

सर्वोच्च न्यायालय ने मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन से सवाल किया था कि बाहरी चबूतरे पर हिंदुओं के कब्जे को लेकर उनका क्या कहना है. कागज़ात वहां पर 1885 से रामचबूतरे पर हिंदुओ द्वारा पूजा किए जाने की पुष्टि करते है. क्या ये मुस्लिम पक्ष के दावे को कमज़ोर नहीं करता. इसपर धवन ने जवाब में कहा था कि नहीं, इससे मुस्लिम पक्ष का मालिकाना दावा कमजोर नहीं होता. हिंदू सिर्फ रामचबूतरे पर पूजा करते रहे हैं, वो भी मुस्लिम पक्ष की अनुमति से. ज़मीन पर मालिकाना हक़ को लेकर उस समय हिंदू पक्ष ने दावा पेश नहीं किया था.

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