जयपुर सीरियल ब्लास्ट: फांसी की सजा को कंफर्म करने के लिए हाई कोर्ट ने डेथ रेफरेंस पर की सुनवाई

जयपुर: राजस्थान की राजधानी जयपुर में सीरियल बम ब्लास्ट केस में 4 अभियुक्तों को मिली फांसी की सजा को कंफर्म करने के लिए उच्च न्यायालय में भेजे गए डेथ रेफरेंस पर सुनवाई हुई. जस्टिस सबीना की खंडपीठ ने डेथ रेफरेंस की प्रतिलिपि राज्य सरकार को देने के आदेश देते हुए कहा है कि अगर मामले में अभियुक्तों की तरफ से अपील पेश की गई है तो उसे डेथ रेफरेंस के साथ सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाए.

वहीं सुनवाई के दौरान सरकारी वकील शेरसिंह महला ने जवाब पेश करने के लिए कोर्ट से वक़्त मांगा. उल्लेखनीय है कि बम ब्लास्ट मामलों की स्पेशल कोर्ट ने मोहम्मद सेफ, सेफुर्रहमान, सरवर आजमी और सलमान को गत 20 दिसंबर को फांसी की सजा सुनाते हुए एक अन्य आरोपी शहबाज हुसैन को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था. आपको बता दें कि ट्रायल कोर्ट की तरफ से दी गई फांसी की सजा को उच्च न्यायालय की तरफ से कंफर्म करने के बाद ही दोषी को फांसी की सजा दी जाती है. 

इसके लिए ट्रायल कोर्ट की तरफ से डेथ रेफरेंस के तौर पर मामले को उच्च न्यायालय में भेजा जाता है. बता दें कि 13 मई 2008 को जयपुर में आठ स्थानों पर बम धमाके हुए थे, जिसमें 71 लोगों की जान गई थी. जिन आरोपियों को अदालत ने दोषी करार दिया है, उनके नाम शाहबाज हुसैन, मोहम्मद सैफ, मोहम्मद सरवर आजमी, सैफुर्रहमान एवं सलमान हैं. 

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