कोरोना संकट में दवाओं की न हो कमी, इस विभाग को मिली जिम्मेदारी

पीएम मोदी ने कोरोना के प्रकोप की वजह से लॉकडाउन 2 को लागू किया है. वही,  केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश के शीर्ष दवा नियामक को महत्वपूर्ण दवाओं की कालाबाजारी रोकने को कहा है. मंत्रालय ने यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि कोविड​​-19 से संबंधित आवश्यक और महत्वपूर्ण दवाओं की देश में कोई कमी ना होने पाए.

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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने ड्रग कंट्रोलर को समय-समय पर बाजार का सर्वे करने और घरेलू खुदरा बाजार में पर्याप्त मात्रा में दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा है.हाल ही में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) द्वारा जारी एक पत्र में, ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (NCDC), इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR), इंडियन फार्मास्यूटिकल एसोसिएशन (IPA) और अन्य संबंधित एजेंसियों के साथ मिलकर कोरोना वायरस के उपचार में उपयोग होने वाली दवाओं की उपलब्धता बनाए रखने के लिए कहा गया है.

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अपने बयान में आगे स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि ना सिर्फ महामारी से लड़ने के लिए बल्कि नियमित रूप से आबादी द्वारा खपत को देखते हुए दवाओँ के उत्पादन को बढ़ाने की जरूरत है. इस उद्देश्य को पूरा करने और कोरोना वायरस से निपटने के लिए मंत्रालय ने डीजीसीआई और अन्य एजेंसियों से सभी आवश्यक कदम उठाने का अनुरोध किया है. वही,शीर्ष दवा नियामक को वायरस के प्रसार को कम करने में उपयोग की जाने वाली चिकित्सा आपूर्ति की उपलब्ध मात्रा निर्धारित करने में मदद करने के लिए डीलरों, वितरकों और फार्मेसियों के साथ एक महामारी संचार रणनीति विकसित करने के लिए भी निर्देशित किया गया है.

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