10 महीनों से इस अभिनेता के पास नहीं है काम, कहा- 'मैं हेल्पलेस हूं'

कोरोना महामारी का प्रकोप अब धीरे-धीर कम हो रहा है। ऐसे में अगर इस महामारी का सबसे गहरा असर कहीं हुआ है तो उसमे एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री भी शामिल है। यहाँ लॉकडाउन के चलते कई सेलेब्स, क्रू मेंबर्स के पास काम नहीं है और इस वजह से ऐसे लोगों का गुजारा मुश्किल हो रहा है। एक समय में शूट करने के लिए बड़ी टीम की जरुरत पड़ती थी लेकिन अब कम लोगों के साथ मेकर्स को काम करना पड़ रहा है। इसी के चलते अब कई लोगों के पास काम नहीं है। कुछ ऐसा ही हाल हो गया है ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ फेम एक्टर संजय गांधी का।

जी हाँ, उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया है कि बीते 10 महीनों से उनके पास काम नहीं है। एक वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा, ''वह आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं और उनके पास बीते 10 महीनों से काम नहीं है।'' इसी के साथ उन्होंने कहा, 'कई एक्टर्स घर पर बैठे हुए हैं और उनके पास काम नहीं है। काम की कमी है और बहुत ही कम फीस पर रोल ऑफर हो रहे हैं। कोरोना महामारी का इस समय हाल देखकर घर से बाहर निकलने में डर लगता है। जब कोई ऑप्शन नहीं बचता है तो वह कभी-कभी घर से बाहर नहीं निकलते हैं। वह स्वस्थ हैं लेकिन डर हमेशा लगा रहा है कि क्योंकि अपने गुजारे के लिए उन्हें घर से बाहर निकलना ही पड़ता है।'

इसके अलावा उन्होंने कहा- ''मैं रोजाना अपने किसी जानने वाले की कोविड-19 से निधन के बारे में सुनता हूं। मैं भी लोगों की मदद करना चाहता हूं लेकिन मैं हेल्पलेस हूं। मैं अमीर नहीं और इस समय आर्थिक तंगी से गुजर रहा हूं। मैंने जुलाई 2020 में नागिन 4 के बाद से एक्टिंग नहीं की है। मैं एक किराये के घर में रहता हूं और हर महीने के खर्च होते हैं। मेरे पास काम, पैसा और फ्यूचर प्लान कुछ नहीं है। प्रोडक्शन हाउस वाले महामारी का फायदा उठा रहे हैं। वह इसे एक्टर की 50-60 प्रतिशत तक फीस कम करने के एक्सक्यूज की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं। जिसकी वजह से कुछ एक्टर्स को अंडरपेड कंडीशन में काम करना पड़ा रहा है। वहीं दूसरों के साथ कोई ऑप्शन नहीं है तो वह बस इंतजार कर रहे हैं।''

वही आगे उन्होंने यह भी बताया कि 'मुझे एक बहुत छोटा सा लीड विलेन का रोल ऑफर हुआ था लेकिन ऐसा रोल ऑफर होने पर मुझे दुख हुआ, बुरा लगा साथ ही अपमानित महसूस हुआ। इस छोटे से रोल के लिए हां कहने से बेहतर है मैं घर पर बैठना पसंद करुंगा।'

कोरोना काल में 200 डॉलर देकर 'गाय' को गले लगा रहे लोग, मिल रहे कई स्वास्थ्य लाभ

दरभंगा मेडिकल कॉलेज में 4 बच्चों की मौत से हड़कंप, तीसरी लहर की आशंका

महाराष्ट्र: एक ही जिले के 8000 बच्चे कोरोना संक्रमित, शुरू हुईं तीसरी लहर की तैयारियां

Related News