बीमारी खा गई इस डायरेक्टर का जीवन, दो साल तक मुंह से नहीं निकली आवाज

हिंदी सिनेमा के एक जाने-माने नाम ने आज सुबह इस दुनिया को अलविदा कह दिया। यह जाना-माना नाम है बॉलीवुड प्रोड्यूसर-डायरेक्टर हरीश शाह का। यह वहीं हरीश शाह है जिन्होंने हिंदी सिनेमा को मेरे जीवन साथी, काला सोना, धन दौलत, दिल और मोहब्बत, राम तेरे कितने नाम, होटल, जाल - द ट्रैप, जलजला, अब इंसाफ होगा जैसी कई बेहतरीन फ़िल्में दी है।  

हरीश ने लंबे समय तक कैंसर से जंग लड़ी है और वे अंततः कैंसर के कारण ही आज हम सबके बीच नहीं है। बीमारी ने उनकी हालत ऐसी कर दी थी कि उन्हें पहचानना भी मुश्किल हो रहा था, बीमारी ने उनके शरीर को भी पूरी तरह से तोड़कर रख दिया था।  

सोशल मीडिया पर दी थी बड़ी जानकारी

फिल्मों से लंबे समय तक दूर रहने के बाद हरीश शाह अधिकतर सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों से रूबरू होते थे। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर वे अक्सर अपने विचार और निजी जीवन के बारे में अपने चाहने वालों से जानकारी साझा करते रहते थे। हरीश ने कैंसर से जूझते हुए स्वयं की एक फोटो अपनी कैंसर बेस्ड शॉर्ट फिल्म व्हाय मी के पोस्टर के साथ साझा की थी, जिसमें उनके गले में छेद साफ़ नजर आ रहा था। पोस्ट के साथ हरीश ने एक अहम बात यह भी बताई थी कि इसके कारण वे लगभग 2 साल तक बोल नहीं पाए थे। उन्होंने यह पोस्ट साल 2017 में की थी। 

 

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