'गुरमीत राम रहीम हार्ड कोर क्रिमिनल नहीं है', HC में हरियाणा सरकार की दलील

चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम हार्ड कोर क्रिमिनल नहीं है। इतना ही नहीं सरकार का कहना है कि हत्या के 2 मामलों में सजा को सीरियल किलिंग नहीं कहा जा सकता। गुरमीत हमलावर नहीं था। उसने हत्याओं को अंजाम नहीं दिया था। 

दरअसल, गुरमीत राम रहीम पैरोल पर है। उसकी पैरोल के खिलाफ पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की गई है। इस याचिका के जवाब में हरियाणा सरकार ने अदालत में ये दलील दी है। हरियाणा सरकार ने अपने जवाब में कहा है कि राम रहीम को हत्याओं के सह-अभियुक्तों के साथ आपराधिक षड्यंत्र रचने के लिए दोषी ठहराया गया है। गुरमीत को बलात्कार के केस में 10-10 वर्ष की सजा हुई है। जबकि पूर्व डेरा मैनेजर रंजीत सिंह एवं पत्रकार रामचंद्र की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। इतना ही नहीं गुरमीत पर चार और आपराधिक केस दर्ज हैं। इनमें एक मामले में CBI तहकीकात कर रही है, जबकि बेअदबी के 3 मामले पंजाब में दर्ज हैं। 

पैरोल सजा पूरी होने से पहले सजायाफ्ता मुजरिम को जेल से मिली कुछ दिनों की रिहाई होती है। जिसके लिए अच्छा बर्ताव होना भी एक शर्त है। इसके लिए कैदी को जेल से बाहर निकलने के लिए आवश्यक कारण बताना पड़ता है तथा संबंधित राज्य की सरकार उसे पैरोल देने पर अंतिम फैसला करती है।

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