अपने भक्ति भरे गानों से हर किसी का दिल जीत लेते थे गुलशन कुमार

गुलशन कुमार का जन्म 5 मई 1956 दिल्ली में हुआ था. उनके पिता दरियागंज बाजार में फलरस विक्रेता थे. उस वक़्त इनका नाम गुलशन दुआ था. यहीं से गुलशन ने व्यवसाय की बारीकियों को सीखा. महज 23 साल की उम्र में उन्होंने अपने परिवार के मदद से एक दुकान का आरंभ किया और रिकार्ड्स और सस्ते ऑडियो कैसेट बेचने शुरू कर दिया.

संगीत उद्योग में एक बड़ा मक़ाम हासिल करने वाले इंसान की ये एक सामान्य शुरुआत थी. रिकार्ड्स और ऑडियो कैसेट के व्यवसाय से ठीक-ठाक मुनाफा होने लगा फिर उन्होंने खुद ही ऑडियो कैसेट बनाना शुरू कर दिया.गुलशन ने अपने ऑडियो कैसेट के व्यवसाय को ‘सुपर कैसेट्स इंडस्ट्रीज’ का नाम दिया जो आगे चलकर एक बड़ा नाम बना.

संगीत के क्षेत्र में पैर पसारने के बाद उन्होंने अपना रुख हिंदी फिल्म उद्योग मतलब बॉलीवुड की ओर किया और मुंबई चले गए. इसके बाद फिल्म निर्माण में उन्होंने पहला कदम वर्ष 1989 में ‘लाल दुपट्टा मलमल का’ नामक फिल्म बनाकर किया. फिर वर्ष 1990 में प्रदर्शित फिल्म ‘आशिकी’ ने सफलता के सारे कीर्तिमान तोड़ दिए. इन फिल्मों के  संगीत काफी हिट रहे  इस के साथ गुलशन कुमार ने फिल्म उद्योग में खुद को संगीत के बादशाह के रूप में स्थापित कर लिया.

गुलशन कुमार ने सुपर कैसेट्स इंडस्ट्रीज लिमिटेड स्थापित किया जो भारत में सर्वोच्च संगीत कंपनी बन गई. उन्होंने इसी संगीत कंपनी के तहत, ‘टी-सीरीज’ संगीत लेबल की स्थापना की. आज, टी-सीरीज देश में संगीत और वीडियोज का सबसे बड़ा उत्पादक है. साल 1997 में 12 अगस्त को मुंबई के जीतेश्वर महादेव मंदिर के सामने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. गुलशन कुमार के तीन बच्चे दो बेटियां और एक बेटा भूषण कुमार हैं. 

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