कांग्रेस में शामिल होते ही सरकार ने मेघा परमार को किया 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' अभियान के ब्रांड एंबेसडर पद से बर्खास्त

भोपाल: मध्य प्रदेश की सरकार ने प्रदेश की प्रथम पर्वतारोही मेघा परमार को ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान के ब्रांड एंबेसडर पद से बर्खास्त कर दिया है। इसका कारण मेघा का कांग्रेस में सम्मिलित होना है। मेघा हाल ही में परासिया में कांग्रेस में सम्मिलित हुईं। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान के ब्रांड एंबेसडर पद से बर्खास्त को उन्होंने बेटियों का अपमान बताया। मेघा परमार ने पूर्व मंत्री पीसी शर्मा एवं पार्टी के पदाधिकारियों के साथ मीडिया से चर्चा भी की।

उन्होंने कहा, ‘जब मैं माउंट एवरेस्ट का शिखर पर पहुंची थी, तो उस समय मेरे साथ प्रदेश की बेटियां और महिलाएं भी शिखर पर पहुंचीं। बाद में मध्य प्रदेश की मंत्रिमंडल में भी सम्मान किया गया। उस वक़्त एक्ट्रेसेस की जगह किसान की बेटी को ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ का ब्रांड एंबेसडर बनाया गया, जिससे मैं मध्य प्रदेश की बेटियों का प्रतिनिधित्व यूरोप महाद्वीप के सबसे ऊंचे शिखर पर में कर सकूं।’ मेघा परमार ने कहा, ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ अभियान से अकेले मुझे नहीं बर्खास्त किया, बल्कि राज्य के किसान की बेटियों को अलग किया गया है। जिनको इस वक़्त हिम्मत थी कि वह अपने जीवन के किसी भी पहाड़ को चढ़ सकती हैं।

मैं पूछती हूं- मैं गांव में काम कर रही थी, लड़कियों के लिए काम कर रही थी, इसमें कुछ कमी छूट रही थी क्या? मैंने ब्रांड एंबेसडर बनने के पश्चात् विभाग से एक रुपया भी नहीं लिया, क्योंकि इस अभियान से मेरा अटैचमेंट है। मैंने नि:स्वार्थ भाव से 52 जिले घूमे। वर्ष 2019 से कल के दिन तक में ब्रांड एंबेसडर थी। मैंने देखा कि ग्राउंड जीरो पर जब हम चीजों को देखकर देखते हैं तथा मंच पर जो चीजें बताई जाती हैं, उससे जमीनी हालात अलग होते हैं। वर्तमान में गर्मियों का सीजन है। हमारी दीदीयां कुप्पी लेकर गर्मी में पानी लेकर दौड़ रही हैं। उनका आधा जीवन तो पानी भरने में जा रहा है। आज भी बेटे और बेटी का जन्म एक जैसा नहीं मनाया जाता। इस पर भी हमने काम किया। बेटियां ब्लैकमलिंग की शिकार हो रही हैं। इस पर मैंने एक लाइन लिखी थी, जिसे सरकार ने अपनाया था ”पहला कदम ही सुरक्षा है”। प्रत्येक दीवार पर यह लाइन लिखी गई थी।’

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