अर्थव्यवस्था को है वियाग्रा की जरूरत : सिब्बल

नईदिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि, 'अर्थव्यवस्था को वियाग्रा की आवश्यकता है, यह बात सरकार को महसूस हो रही है।' सरकार कहती है कि, विकास हो रहा है, देश बढ़ रहा है लेकिन, सरकार का सोचना है कि आगे बढ़ने के मायने केवल एलपीजी गैस, डीजल व पैट्रोल की बढ़ती कीमतों से ही जुड़े हो सकते हैं। उन्होंने सरकार की निंदा की और कहा कि केंद्र सरकार की नीतियों से आम आदमी परेशान है, कच्चे तेल के दाम बढ़ गए हैं।

पेट्रोलियम कंपनीज़ तो प्रत्येक लीटर पर 48 रूपए का लाभ कमा रही हैं। मगर पेट्रोलियम मूल्य वृद्धि उस किसान को झेलना पड़ती है, जो डीजल का उपयोग करता है। उस 1 प्रतिशत वर्ग पर कर नहीं लगाया जाता जिसके पास 58 प्रतिशत की संपत्ति मौजूद है।

हालात ये हैं कि अमीर और अमीर हो रहा है, जबकि गरीब और भी गरीब हो रहा है। केंद्र सरकार अर्थव्यवस्था में करीब 40 हजार करोड़ रूपए से 50 हजार करोड़ रूपए तक की राशि लाना चाहती है और इसके लिए आम आदमी पर महंगाई का बोझ डाला जा रहा है।

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