'कांग्रेस राज में रुक गई थी आर्थिक गतिविधियां..', इनफ़ोसिस के नारायणमूर्ति ने की मोदी सरकार की तारीफ

नई दिल्ली: टेक्नोलॉजी सेक्टर की दिग्गज कंपनियों में शामिल इंफोसिस (Infosys) के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति (Narayana Murthy) ने कांग्रेस की अगुवाई वाली UPA सरकार को लेकर बड़ा बयान दिया है। नारायण मूर्ति ने शुक्रवार (23 सितंबर 2022) को कहा कि केंद्र की UPA सरकार के दौरान फैसला लेने में देरी की जाती थी। इसलिए मनमोहन सिंह जैसे अर्थशास्त्री के पीएम होने के बाद भी देश में आर्थिक गतिविधियाँ थी हुई थीं। नारायण मूर्ति ने भारतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद (IIM-A) में छात्रों के साथ चर्चा के दौरान मनमोहन सिंह को असाधारण व्यक्ति बताया था।

 

उन्होंने आगे कहा कि, 'मैं लंदन में (2008 और 2012 के बीच) HSBC के बोर्ड में शामिल था। पहले कुछ सालों के दौरान बोर्ड रूम (बैठकों के दौरान) में चीन के नाम का दो से तीन बार जिक्र किया गया था, मगर भारत के नाम का जिक्र सिर्फ एक बार हुआ था।' भाजपा की अगुवाई वाली मौजूदा NDA सरकार की तुलना कांग्रेस सरकार से करते हुए मूर्ति ने कहा कि UPA सरकार में फैसला लेने में देरी की वजह भारतीय अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान हुआ।  इंफोसिस के सह-संस्थापक ने कहा कि, 'दुर्भाग्य से मुझे नहीं पता कि बाद में क्या हुआ। मनमोहन सिंह का कार्यकाल, जो कि एक असाधारण व्यक्ति हैं और उनका मैं बेहद सम्मान करता हूँ, के दौरान भारत स्थिर हो गया था। उस समय फ़ौरन नहीं लिए गए और सब कुछ ठप कर दिया गया। जब तक मैं (HSBC) छोड़ रहा था, उस दौरान यदि चीन का नाम 30 बार लिया गया था, तो भारत का नाम सिर्फ एक बार लिया गया था।'

हालांकि, मूर्ति ने वर्ष 1991 के आर्थिक सुधारों के लिए पूर्व पीएम डॉक्टर मनमोहन सिंह की तारीफ भी की। बता दें कि पीवी नरसिम्हाराव की सरकार में आर्थिक सुधारों को लागू किया गया था और मनमोहन सिंह उस दौरान केंद्र सरकार में वित्त मंत्रालय संभालते थे। जब उनसे सवाल किया गया कि उन्होंने भविष्य में भारत की कल्पना कहाँ की है तो उन्होंने कहा कि, 'युवा पीढ़ी का काम है कि जब भी वे किसी अन्य देश, खास तौर पर चीन का नाम लेते हैं, तो लोग भारत के नाम का जिक्र करें।' उन्होंने विश्वास जताया कि युवा पीढ़ी इस काम को बखूबी करेगी।

नारायण मूर्ति ने ‘मेक इन इंडिया’ और ‘स्टार्टअप इंडिया’ जैसे अभियान के लिए नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार की तारीफ की। उन्होंने कहा कि, 'एक वक़्त था, जब अन्य देशों के ज्यादातर लोग भारत को नीचा देखते थे, किन्तु आज देश के लिए एक तरह का सम्मान है, जो अब दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकॉनमी बन गया है।' उन्होंने आगे कहा कि, 'चीन ने 1978 और 2022 के बीच 44 सालों की अवधि में भारत को छह गुना पीछे छोड़ दिया है। हालाँकि, मेरा मानना है कि यदि इस दिशा में बैठे सभी अद्भुत व्यक्ति मिलकर कार्य करें, तो भारत को वही सम्मान मिलेगा, जो आज चीन को मिलता है।'

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