लॉकडाउन में खालीपन ने बढ़ाया अवसाद और आत्महत्या का खतरा

महामारी कोरोना वायरस संक्रमण के कारण जहां लाखों लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं इस महामारी की वजह से कई अन्‍य बीमारियां भी तेजी बढ़ रही हैं. जिसका व्यापक प्रसार देखने को मिल रहा है. वही, डिप्रेशन और आत्‍महत्‍या भी इनमें शामिल है. देश में कोविड-19 का प्रकोप तेजी से बढ़ने के बीच मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है, कि वैश्विक महामारी कुछ मामलों में वायरस से संक्रमित पाए गए लोगों में तीव्र घबराहट पैदा करती है. जो कई बार डिप्रेशन का रूप ले लेती है. ऐसे में कुछ लोगों को तो आत्महत्या के कगार पर भी ले जाती है.

दिल्ली में मंडरा रहा टिड्डी दल, विकास मंत्री गोपाल राय ने बुलाई आपात बैठक

इस मामले को लेकर विशेषज्ञों के अनुसार, घबराहट, संक्रमण का भय, अत्यधिक बेचैनी, निरंतर आश्वासन की मांग करते रहने वाला व्यवहार, नींद में परेशानी, बहुत ज्यादा चिंता, बेसहारा महसूस करना और आर्थिक मंदी की आशंका लोगों में अवसाद एवं व्यग्रता के प्रमुख कारक हैं. नौकरी चले जाने का डर, आर्थिक बोझ, भविष्य को लेकर अनिश्चितता और भोजन एवं अन्य जरूरी सामानों के खत्म हो जाने का डर इन चिंताओं को और बढ़ा देता है.

स्टर्लिंग-बायोटेक मामला: कांग्रेस के बड़े नेता अहमद पटेल के घर पहुंची ED, पूछताछ जारी

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि कोरोना वायरस के प्रकोप के बाद से ऑनलाइन मंचों पर भी मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को लेकर मदद मांगने वालों की संख्या बढ़ती हुई देखी गई है. इनमें बेचैनी से लेकर अकेलेपन और अपनी उपयोगिता से लेकर नौकरी चले जाने की चिंता जैसी तमाम समस्याएं शामिल हैं. यहां मानसिक स्वास्थ्य संस्थान में निदेशक, डॉ आर पूर्णा चंद्रिका ने बताया कि अप्रैल अंत तक करीब 3,632 फोन आए और 2,603 कॉलर को मनोरोग परामर्श दिया गया.

आंध्र प्रदेश में बड़ा हादसा, फैक्ट्री में गैस लीक होने से एक कर्मचारी की मौत, तीन घायल

यूपी बोर्ड के टॉपर्स को योगी सरकार का बड़ा तोहफा, घर तक सड़क, लैपटॉप और एक लाख नकद

तब्लीग़ी जमात मामला: 108 विदेशी जमातियों को दिल्ली क्राइम ब्रांच का नोटिस

Related News