कोरोना से अपने शहर की रक्षा करने के लिए महिलाएं उतरीं पहरा देने

हरिपुर: आज के समय में बीमारी हो या कोई आपदा दोनों ही मानव जीवन पर संकट बन ही जाती है. जिसमे से एक है कोरोना वायरस यह एक ऐसी बीमारी है, जिसका अभी तक कोई तोड़ नहीं मिल पाया है. वहीं इस वायरस की चपेट में आने से 81000 से अधिक मौते हो चुकी है, जबकि लाखों लोग इस वायरस से संक्रमित हुए है. कोरोना वायरस के तेजी से फैलते संक्रमण की रोकथाम को जिले की हिमाचल के कुल्लू जिले की उझी घाटी में ग्रामीण खुद भी आगे आ रहे हैं. घाटी की सोयल पंचायत के सोयल गांव में स्थानीय ग्रामीणों ने स्वयं पहल करते हुए पड़ोसी पंचायतों सहित बाहरी लोगों के गांव में प्रवेश पर पांबदी लगा दी है.  गांव की महिलाएं और पुरुष हाथ में डंडा लेकर पहरा दे रहे हैं. सुबह से शाम तक महिलाएं चरणबद्ध तरीके से पहरा देने में डटी हैं.

मिलीं जानकारी के अनुसार ग्रामीणों ने निर्णय लिया है कि कोरोना संकट के बने रहने तक न तो गांव का कोई व्यक्ति साथ लगती पंचायत व अन्य जगहों पर जाएगा. न ही अपने रिश्तेदारों को बुलाएगा. गांव में अगर कोई ऐसा करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जा सकती है. सोयल गांव की मुहिम को देखते हुए अब पूरी पंचायत में यह मुहिम शुरू हो सकती है. हालांकि, जिला कुल्लू में अभी तक कोरोना का एक भी मामला सामने नहीं आया है. इसके बावजूद ग्रामीण पूरी जागरूकता के साथ किसी प्रकार का खतरा मोल नहीं लेना चाहते.

जंहा इस बात का पता चला है कि सोयल पंचायत के वार्ड नंबर तीन के वार्ड सदस्य रामदास, वार्ड चार के सदस्य चूड़ामणि ने कहा कि  गांववासियों ने एक आपात बैठक की है. बैठक में कोरोना संकट से निपटने को लेकर कार्ययोजना  तैयार की गई है. उन्होंने कहा कि गांव में बाहरी लोगों के साथ पड़ोसी पंचायत के लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. गांव से हर दिन 4 लोग चरणबद्ध तरीके से प्रवेश मार्ग पर पहरा देंगे. मंगलवार को वार्ड सदस्य रामदास, लता, पुष्पा, सुलक्षणा ने गांव के प्रवेश द्वार पहरा दिया. उन्होंने कहा कि कोरोना का खतरा बड़ा है. ऐसे में लापरवाही ग्रामीणों की जान पर भारी पड़ सकती है.

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