सांसद निधि के इस्तेमाल में हुआ परिवर्तन, जाने क्यों

कोरोना वायरस से जनता को बचाने लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही हैं. इस बीच मोदी सरकार की ओर से एक अहम फैसला लिया गया है. सांसद अब अपने क्षेत्र के विकास के लिए मिलने वाली निधि (MPLADS) का इस्‍तेमाल कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर फेस मास्‍क, टेस्टिंग किट और अन्‍य सुविधाओं के लिए कर सकेंगे. यह कदम कुछ सांसदों की अपील के बाद उठाया गया है, जिनमें कांग्रेस सांसद विवेक तन्‍खा भी शामिल हैं.

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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि सांसद निधि का इस्‍तेमाल अभी तक सड़के बनवाने और दूसरे इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर जैसे कामों के लिए किया जाता रहा है. लेकिन देश पर आए कोरोना वायरस के संकट को देखते हुए सांसद निधि के इस्‍तेमाल को लेकर यह निर्णय लिया गया है. देश के सभी सांसदों को हर साल सांसद निधि के रूप में पांच करोड़ रुपये की राशि आवंटित होती है. कांग्रेस सांसद विवेक तन्‍खा ने इस बदलाव के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्‍यक्‍त करते हुए कहा, '"मैं प्रधानमंत्री और भारत सरकार को सांसद निधि के नियमों को शिथिल करने के हमारे अनुरोध का जवाब देने के लिए धन्यवाद देता हूं, जिसमें कोरोनोवायरस के खिलाफ युद्ध में सार्वजनिक निधियों का उपयोग करने की अनुमति है. यह लड़ाई हर किसी की जिम्मेदारी है.' साथ ही उन्होंने कहा कि सांसद अब जरूरतमंद लोगों को सहायता प्रदान करने में प्रशासन की मदद कर सकेंगे.

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इस मामले को लेकर तन्‍खा ने बताया कि अब सभी सांसद प्रशासन के माध्यम से लोगों तक पहुँच सकते हैं. एमपीएलएडी निधि के उपयोग के नियमों में ढील देने से, सांसद अब एमपीएलएडी निधि का उपयोग सुनिश्चित करके प्रशासन के माध्यम से लोगों तक पहुँच सकेंगे. अब इस राशि का इस्‍तेमाल सुरक्षात्मक उपकरणों, मास्क और सैनिटाइटर्स की खरीद में उपयोग में किया जा सकता है. हालांकि, पहले के दिशानिर्देशों के अनुसार, एमपीएलएडी फंड का उपयोग केवल स्थायी काम के लिए किया जाता था.

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