बेरोजगारी का मुकाबला कर रहे प्रवासी मजदूर, रोजगार दे पाएगी राज्य सरकार

भारत में कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन लागू किया गया. जिस कारण बड़ी संख्या में बिहार के प्रवासी मजदूर महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली जैसे राज्यों में फंस गए. इसके बाद लाखों की संख्या में प्रवासी मजदूर ट्रेन, बस या फिर पैदल अपने राज्यों में वापस लौटे.

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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि एक बार फिर इनके सामने रोजी-रोटी की चुनौती आ खड़ी हुई है. इस कारण इन मजदूरों ने फिर से दूसरे राज्यों में पलायन शुरू कर दिया है. सरकार ने अनलॉक 1 के तहत ट्रेनों को संचालन की अनुमति दी है. इसके बाद से बिहार के विभिन्न जिलों से प्रवासी मजदूरों ने दूसरे राज्यों में पलायन शुरू कर दिया है. इन मजदूरों को वापस औद्योगिक इकाइयों तक ले जाने के लिए बकायदा मालिकों द्वारा बस की व्यवस्था भी की जा रही है. ऐसा ही एक मामला राज्य के पूर्णिया जिले में सामने आया, जहां जिले से मजदूरों को पानीपत ले जाने के लिए उनके मालिक ने बस भेजी.

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अपने बयान में पानीपत लौटने वाले एक मजदूर ने बताया कि हमलोग रोजी-रोटी के चलते पानीपत जा रहे हैं. वहां के एक बड़े किसान ने सरकार से अनुमति मिलने के बाद हमें लेने के लिए बस भेजी है. हमारे आगे परिवार का पेट पालने की मजबूरी है, जिस कारण हमें कोविड-19 के खतरे की अनदेखी करनी पड़ रही है. मिली जानकारी के मुताबिक, हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूर पिछले एक सप्ताह में  ट्रेन और बस के माध्यम से पंजाब, हरियाणा, मुबंई और गुजरात के लिए रवाना हुए हैं. इसके अलावा रोजाना हजारों मजदूर राज्य से पालन कर रहे हैं.

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