दिल्ली: ट्रेन में यात्रा के दौरान घायल या मौत होने पर यात्री व उसके परिजनों को मुआवजे मिलेगा. यहाँ निर्णय सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को लिया. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि मुआवजे का प्रावधान सभी तरह की दुर्घटनाओं पर लागू होगा और हादसे के लिए यात्री की लापरवाही को कारण बताकर रेल मंत्रालय मुआवजे देने से नहीं बच सकता वही आत्महत्या, बीमारी से मौत और खुद को चोट पहुंचाने के मामले इसमें अपवाद रहेंगे. पीठ ने यह आदेश पटना हाई कोर्ट के एक आदेश को बनाए रखते हुए दिया है. मामले में 20 अगस्त, 2002 को बिहार में करौता से खुसरूपुर की यात्रा के दौरान यात्री की ट्रेन से गिरकर मौत हो गई थी. रेलवे ट्रिब्यूनल ने कहा, यात्री लटककर यात्रा कर रहा था, इसलिए दुर्घटना हुई. ट्रिब्यूनल के फैसले के खिलाफ महिला ने पटना हाई कोर्ट में अपील की. हाई कोर्ट ने अपने आदेश में आश्रित महिला को चार लाख रुपये का मुआवजा दिए जाने का आदेश दिया. इस आदेश के खिलाफ रेल मंत्रालय सुप्रीम कोर्ट आया था. सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस आदर्श कुमार गोयल और जस्टिस रोहिंग्टन एफ नरीमन की पीठ ने साफ किया कि केवल टिकट न होने पर यात्री या उसके परिजनों के दावे को खारिज नहीं किया जा सकता. लेकिन मुआवजे के दावे को पुष्ट करने के लिए यात्रा से संबंधित अन्य दस्तावेज आवश्यक होंगे. पीठ ने साफ किया कि हादसा ट्रेन में यात्रा के दौरान भी हो सकता है और यात्रा पूरी करके ट्रेन से उतरने के दौरान भी हो सकता है. स्टेशन परिसर में होने वाले हादसे में भी मृत या घायल होने वाले यात्री को मुआवजा मिलना चाहिए. ट्रैन में यात्री हुए परेशान इटारसी रेलवे स्टेशन पर भीषण आग करीब 1.30 लाख सफल ऑपरेशन कर चुकी ये ट्रेन हॉस्पिटल