'अडानी के लिए काम करते हैं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री..', अपनी ही सरकार को लपेट गए राहुल गांधी, Video

रायपुर: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने रविवार (29 अक्टूबर) को एक बार फिर अडानी समूह और नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला करने की कोशिश करते हुए एक गलती कर दी। जिसके बाद सोशल मीडिया पर उनका वीडियो वायरल होने लगा है। दरअसल, छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने दावा किया कि राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भारतीय कारोबारी गौतम अडानी को फायदा पहुंचाने के लिए काम करते हैं। 

 

दरअसल, राहुल गांधी अपने चिरपरिचित अंदाज़ में अडानी को लेकर मोदी सरकार को घेरने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन इस दौरान वे ये भूल गए कि, छत्तीसगढ़ में उनकी ही सरकार है, भाजपा की नहीं। राहुल गांधी ने जनसभा में जोरशोर से दावा करते हुए कहा कि,"आप (मोदी सरकार) अडानी समूह के लिए 24x7 काम करते हैं। और इस राज्य में आपके मुख्यमंत्री (कांग्रेस नेता भूपेश बघेल का जिक्र करते हुए) भी अडानी के लिए काम करते हैं।" इसके बाद सोशल मीडिया पर लोग राहुल की खिंचाई करने लगे, वहीं विरोधी पार्टी भाजपा के प्रवक्ता अमित मालवीय ने कांग्रेस पर निशाना साधने का मौका नहीं छोड़ा। 

 

अमित मालवीय ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, 'राहुल गांधी मानते हैं कि छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल हर समय अडानी के लिए काम करते हैं। आखिरकार सच सामने आ रहा है कि यह कांग्रेस ही है, जिसने कॉरपोरेट समूह अडानी को संरक्षण दिया है, जिस पर राहुल निशाना साधते नहीं थकते। वह कैसा मज़ाक है।' इस कार्यक्रम के 35:26 मिनट पर राहुल गांधी की जुबान अनजाने में फिसल गई।

अडानी समूह को कई ठेके दे चुकी है कांग्रेस:-

बता दें कि, एक तरफ जहाँ राहुल गांधी, हर रैली में अडानी-अडानी करना नहीं चूकते, वहीं उनकी पार्टी कांग्रेस काफी समय से अडानी ग्रुप का समर्थन कर रही है। अडानी समूह ने कांग्रेस के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के शासन में राजस्थान में कई परियोजनाएँ प्राप्त की हैं। इसके साथ ही अडानी समूह ने अगले 5-7 वर्षों में राजस्थान में 65000 करोड़ रुपये निवेश करने की योजना की घोषणा कर रखी है, जिसके लिए उन्हें सीएम गहलोत ने धन्यवाद भी दिया था। सीएम गहलोत के साथ हुई डील में अडानी ने जयपुर में क्रिकेट स्टेडियम बनाने की घोषणा भी की थी। 

 

वहीं, महाराष्ट्र की महा विकास अघाड़ी (उद्धव के नेतृत्व वाली MVA सरकार) सरकार के कार्यकाल के दौरान, जिसमें कांग्रेस गठबंधन भागीदार थी, उस समय भी अडानी समूह को महाराष्ट्र में दिघी बंदरगाह परियोजना दी गई थी। 2015 में, कांग्रेस के नेतृत्व वाली केरल सरकार ने विझिंजम में एक नया बंदरगाह विकसित करने का ठेका अडानी पोर्ट्स को दिया। यह अनुबंध वायबिलिटी गैप फंडिंग (VGF) के उपयोग के माध्यम से दिया गया था, क्योंकि अडानी पोर्ट्स ने नीलामी में 1,635 करोड़ रुपये का सबसे कम अनुदान जमा किया था। गौर करने वाली बात ये भी है कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) के दौर में भी केंद्र सरकार ने अडानी ग्रुप को 21,000 करोड़ रुपये की 10 परियोजनाएं दी गई थीं। वहीं, हिमाचल प्रदेश में भी कांग्रेस सरकार बनने के बाद अडानी के बंद पड़े सीमेंट प्लांट को फिर से शुरू कर दिया गया था। कर्नाटक में चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस ने एमबी पाटिल को राज्य का उद्योग मंत्री बनाया है, पाटिल ने ही अडानी ग्रुप को लेकर कहा है कि कर्नाटक के दरवाजे उनके लिए खुले हुए हैं। कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ में अडानी ने 25 हज़ार करोड़ का निवेश कर रखा है, जिसमें कोल खदानें भी शामिल हैं। हसदेव अरण्य विवाद भी उसी का हिस्सा है। 

ऐसे में देखा जाए, तो जहाँ कांग्रेस सरकारें भर-भरकर अडानी समूह को ठेके दे रही है, वहीं राहुल गांधी मोदी सरकार को घेरने के लिए लगातार अडानी समूह को निशाना बनाते रहते हैं। हालाँकि, गौर करने वाली बात ये भी है कि, राहुल गांधी जहाँ अडानी पर हमले का कोई मौका नहीं छोड़ते, वहीं कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को कभी भी उद्योगपति पर आरोप लगाते नहीं देखा गया है, शायद मुख्यमंत्री जानते हैं कि उन्हें अडानी के साथ कारोबार करना है और राहुल को राजनीति। 

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