जो आपका अपमान करें उससे चाणक्य निति के अनुसार ले बदला

हम सभी इस बात से वाकिफ ही हैं कि जीवन में हम कई बार ऐसी स्थिति में आ जाते हैं जब हमें कुछ भी समझ नहीं जाता कि हमें क्या करना चाहिए. ऐसे में जीवन में कई बार ऐसी स्थिति आती है जब हमारी मुलाकात ऐसे लोगो से होती है जो अहंकार में रहते हैं बात बात पर दूसरों को अपमानित करते हैं. आप सभी को बता दें कि ऐसा माना जाता है कि अहंकारी लोगो के सामने कोई सीधा साधा व्यक्ति होता है तो उस व्यक्ति को वे कुछ भी आसनी से कह देते हैं लेकिन वह व्यक्ति कुछ भी ऐसे लोगो ने नहीं कह पाता और चुपचाप रहता है. वहीं हम सभी जानते हैं घमंडी और अहंकारी लोग सीधे सादे लोगो को और दबाते रहते हैं और उन्हें कुछ कहने का मौका नहीं देते हैं. वहीं ऐसे में सीधे सादे लोग कुछ भी नहीं कर पाते और वह केवल सहते रहते हैं. वह अपने अपमान का जवाब भी नहीं दे पाते हैं और अगर किसी अहंकारी आदमी के सामने कोई तेज तर्राक व्यक्ति आ जाएं जो दिमाग से गुस्सैल स्वभाव का होता है तो वह ऐसे लोगो से झगड़ा कर लेता है व अपने मन की बात को बोल देता हैं. अब आज हम आपको बताने जा रहे हैं चाणक्य नीति में आचार्य चाणक्य ने जो बातें बताई थी आइए जानते हैं.

1. चाणक्य नीति के अनुसार जब कोई अपमान करता है तो उसे मारना और गाली नहीं देना चाहिए बल्कि उसे उसी के जवाब से मिलता जुलता शब्द बोले कहें जिससे वह अपने को अपमानित करें व ऐसे व्यक्ति को अपनी गलती का ऐसा हो, भविष्य में कभी किसी का अपमान करने का दुस्साहस ना करें.

2. जी हाँ, कहते हैं चाणक्य नीति में लिखा हुआ है कि जो लोग दूसरो की बेईजती करते हैं ऐसे लोगो से दूरी बनाकर रहना चाहिए और हमेशा अच्छे लोगों के बीच रहने की कोशिश करें.

3. इसी के साथ चाणक्य नीति में लिखा हुआ है जो लोग दूसरो का अपमान करते हैं उसकी ओर देखकर हल्का मुस्कुराएं और उससे कुछ ना कहें. कहा जाता है ऐसा करने से उसे और भी ज्यादा गुस्सा आएगा और वह खुद ही अपमानित महसूस करना शुरू कर देगा.

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