उत्तराखंड-बंगाल में अगस्त तक मुख्यमंत्रियों के लिए हो सकते हैं उपचुनाव

नई दिल्ली: उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल में संवैधानिक संकट को देखते हुए मुख्यमंत्रियों के लिए आने वाले दो महीनों में उपचुनाव कराने के बारे में विचार किया जा रहा है. इस महीने के अंत या अगले महीने की शुरुआत में चुनाव कार्यक्रम का ऐलान हो सकती है. फिर अगस्त के अंत या सितंबर के पहले हफ्ते तक ये चुनाव करवाए जा सकते हैं.

दरअसल, उत्तराखंड में बगैर विधान सभा का सदस्य बने सीएम रहते हुए तीरथ सिंह रावत को दस सितंबर तक छह माह हो जाएंगे. ऐसे में दस सितंबर के बाद वहां सत्तारूढ़ दल के लिए असमंजस की स्थिति पैदा हो जाएगी. ऐसे में आयोग संभवत: तीरथ सिंह रावत के लिए उपचुनाव करा सकता है. उसी समय लगे हाथ आयोग पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के लिए भी उपचुनाव हो सकते हैं. कोविड संकट को देखते हुए कई राज्यों में उपचुनाव लंबित हैं, इसलिए आयोग फिलहाल उन्हें अनुकूल परिस्थितियां आने तक लंबित ही रखेगा. 

किन्तु राज्य सरकारों को संवैधानिक संकट से बाहर निकालने के लिए केवल मुख्यमंत्रियों वाली सीटों पर पूरी सावधानी और सख्ती के साथ उपचुनाव कराया जा सकता है. बता दें कि उत्तराखंड में इंदिरा हृदयेश के देहांत से खाली हुई सीट भी है. लेकिन फिलहाल आयोग केवल उन्हीं सीटों पर उपचुनाव कराने के मूड में दिख रहा है जहां राज्य शासन के लिए बेहद जरुरी है.

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