मूर्तियों पर खर्च किए गए पैसे लौटाने को लेकर बसपा नेता ने दिया बड़ा बयान

लखनऊ:  बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के राज्यसभा सांसद सतीशचंद्र मिश्रा ने कहा है कि सर्वोच्च न्यायालय ने बसपा सुप्रीमो मायावती को मूर्तियों पर खर्च किए गए पैसा लौटाने का कोई आदेश नहीं दिया है। मिश्रा ने कहा है कि मुख्य न्यायधीश रंजन गोगोई ने सुनवाई के दौरान इस तरह की सिर्फ टिप्पणी की है, ना कि कोई आदेश दे दिया है, जैसा कि मीडिया में बताया जा रहा है। मिश्रा ने कहा है कि, इस सुनवाई पर कोई आदेश नहीं आया है। मामले की अगली सुनवाई 2 अप्रैल को होने वाली और उसी सुनवाई के दौरान अदालत इस पर अंतिम फैसला सुनाएगी।

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उल्लेखनीय है कि मायावती के यूपी के सीएम रहने के दौरान बनाए गए प्रतिमाओं और मूर्तियों पर लगे धन को फिजूलखर्ची करार देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दी गई है। शुक्रवार को याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा है कि प्रथम दृष्टया तो लगता है बसपा प्रमुख को प्रतिमाओं पर खर्च किया गया जनता का पैसा लौटाना होगा। मूर्तियों पर जनता का पैसे खर्च करने को लेकर शीर्ष अदालत में 2009 में ये याचिका दाखिल की गई थी। याचिका में ये मांग भी की गई है कि, नेताओं को अपनी और पार्टी के चिह्न की प्रतिमाएं बनाने के लिए  जनता का पैसा खर्च न करने के आदेश दिए जाएं।

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आपको बता दें कि मायावती ने 2007 से 2011 के मध्य उत्तर प्रदेश की सीएम रहते हुए लखनऊ और नोएडा में पार्क बनवाए थे। इन पार्कों में मायावती ने अपनी, डॉ. भीमराव अंबेडकर, बसपा के संस्थापक कांशीराम के साथ ही पार्टी के चुनाव चिह्न हाथी की कई मूर्तियां बनवाई थीं। मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए मायावती ने उत्तर प्रदेश के कई शहरों में हाथी और अपनी कई मूर्तियां लगवाई थीं।

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