हिन्दू मंदिर पर हमला, पीएम मोदी को माँ की गाली.., कट्टरपंथियों के पाप ढक रहा विदेशी मीडिया

लंदन: ब्रिटेन के बर्मिंघम में हिंदू मंदिर (Britain Anti hindu Violence) पर हुए हमले का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। यहाँ मुस्लिम कट्टरपंथियों की भीड़ ने मंदिर के भीतर मौजूद हिंदुओं को गौमूत्र पीने वाला बता कर मज़ाक उड़ाया और उनके साथ मारपीट की। इस वीडियो में साफ नज़र आ रहा है कि इस्लामी हमलवारों ने अल्लाह-हू-अकबर के नारे लगाए और सुरक्षा के लिए पहुँचे पुलिस बल से भी बदसलूकी की। इस वीडियो को ट्विटर यूजर @INSIGHT_UK ने सोशल मीडिया पर शेयर किया है। पहला वीडियो 2:10 मिनट का है।

 

इसमें वीडियो बना रहे शख्स ने हिंदुओं को मूत्र पीने वाला और बास्टर्ड कहा है। इसी वीडियो में इस्लामी कट्टरपंथियों को मंदिर में मौजूद हिंदुओं को माँ की गाली भी देते सुना जा सकता है। वीडियो के आधे हिस्से के बाद पुलिस वहां पहुँचती है और हमलावरों को मंदिर से हटाने का प्रयास करती है। इस दौरान स्पष्ट नज़र आ रहा है कि हमलावर न केवल पुलिस वालों को धक्का देते हैं, बल्कि महिला पुलिसकर्मियों पर भी बोतल से हमला करते हैं। हालाँकि, वो बोतल पुलिसकर्मी को नहीं लगी। इतने में पुलिस, वीडियो बनाने वाले की तरफ बढ़ती है और भीड़ को मंदिर की दीवार से खदेड़ती है। पुलिस द्वारा धक्का देते ही कट्टरपंथी भीड़ ‘अल्लाह-हू-अकबर’ के नारे लगाने लगती है।  

 

इसी हैंडल द्वारा साझा किए गए एक अन्य वीडियो में इस्लामी भीड़, हिंदुओं को नस्लवादी कहती सुनाई दे रही है। इस दौरान पीछे अल्लाह-हू-अकबर के नारे लगातार लग रहे हैं। इस बीच वीडियो बनाने वाला व्यक्ति कैमरा अपनी तरफ घुमाता है और हिंदुओं को फिर से मूत्र पीने वाले कहते हुए माँ की गाली देता है।  हालाँकि, वीडियो बनाने वाले का चेहरा नहीं दिख रहा है, उसने अपना फेस ढक रखा था। इस वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि हमलावर महिला पुलिस अधिकारियों के लिए भी अश्लील भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं।  

 

इसी हैंडल से शेयर किए गए तीसरे वीडियो में रिकॉर्ड कर रहा व्यक्ति ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को माँ की गाली देता है। इस वीडियो में भी हिंदुओं को मूत्र पीनी वाला कहते हुए गन्दी-गन्दी गालियाँ दी गईं हैं। इसी वीडियो में एक व्यक्ति मंदिर की दीवार पर चढ़ता हुआ नज़र आ रहा है। मंदिर के बाहर इस्लामी भीड़ काले रंग का नकाब पहने हुए उत्पात मचा रही है। पुलिसकर्मी उन्हें हटाने का प्रयास कर रहे हैं, मगर हमलावर भीड़ पुलिस से उलझ रही है।

बता दें कि, बर्मिंघम में जिस मंदिर पर हमला (Britain Anti hindu Violence) हुआ, वहां एक कार्यक्रम में साध्वी ऋतम्भरा को आना था। इस्लामी भीड़ ने इसी दौरे को बहाना बनाकर हमला किया था। हालाँकि स्वास्थ्य ठीक नहीं होने के कारण साध्वी ऋतम्भरा इस कार्यक्रम में नहीं पहुंची थीं। साध्वी के न आने के बाद भी मुस्लिम भीड़ ने हिन्दुओं को आतंकित के लिए इस प्रकार की हरकत की।

बता दें कि हिन्दुओं को गौमूत्र पीने वाला कहना आतंकियों वाली भाषा है। वर्ष 2019 में पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद द्वारा पुलवामा के जिस आतंकी हमले में 42 जवान वीरगति को प्राप्त हो गए थे, उसमें एक आतंकी को वीडियो में हिन्दुओं को गौमूत्र पीने वाला कहते सुना गया था। यह आतंकी आदिल अहमद डार था, जो पुलवामा के आतंकी हमले में शामिल होने की बात कबूल कर रहा था।

कट्टरपंथियों के पक्ष में फर्जी रिपोर्टिंग कर रहा विदेशी मीडिया:-

वहीं, इतना सब कुछ खुलेआम होने के बावजूद द गार्डियन (The Guardian) और BBC जैसे विदेशी न्यूज़ चैनल मुस्लिम कट्टरपंथियों का सच उजागर करने की बजाए, उसे छुपाते हुए उलटा हिन्दुओं को ही इस हिंसा के लिए दोषी ठहरा रहे हैं। यूनाइटेड किंगडम (UK) में हिन्दुओं (Britain Anti hindu Violence) को निशाना बनाकर मुस्लिम भीड़ ने जमकर हिंसा की थी। इसके कुछ वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे, जिसमे कट्टरपंथी हिन्दुओं के खिलाफ आपत्तिजनक नारे लगाते और उनपर हमले करते देखे गए थे। लेकिन इतना कुछ होने के बाद भी खुद को निष्पक्ष और पेशेवर बताते वाले अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने पीड़ित हिन्दुओं के लिए आवाज़ उठाने की जगह उल्टा उन्हें बदनाम करना शुरू कर दिया और कट्टरपंथी मुस्लिमों को बचाने के लिए पक्षपाती रिपोर्टिंग की। इसमें BBC जैसा जाना माना मीडिया संस्थान भी शामिल था। दरअसल, ‘द गार्डियन’ ने एक ओपिनियन आर्टिकल लिखते हुए ‘हिन्दू राष्ट्रवाद’ की उलटी-सीधी परिभाषा दी थी और मुस्लिमों द्वारा हिन्दुओं पर की गई हिंसा (Britain Anti hindu Violence) के लिए हिन्दुओं को ही जिम्मेदार ठहरा दिया था। मीडिया संस्थान ने न केवल लेस्टर में हिंसा के लिए हिन्दुओं को जिम्मेदार बताया, बल्कि हिंदुत्व और ‘दक्षिणपंथी कट्टरवाद’ को एक-दूसरे का पर्यायवाची तक कह दिया।

 

ब्रिटेन स्थित वामपंथी मीडिया आउटलेट ‘द गार्जियन’ की पत्रकार आइना खान ने दावा करते हुए कहा था कि लेस्टर में ‘अच्छे ईमान वाले’ लोग हिंदू मंदिरों की रखवाली कर रहे थे, जबकि हकीकत ये है कि हिंदुओं पर इस्लामी कट्टरपंथियों ने झुण्ड बनाकर हमला किया था और यहाँ तक कहा था कि जैसे इन हिन्दू कुत्तों को कश्मीर से भगाया था वैसे ही अब लेस्टर से इनका (हिन्दुओं का) सफाया करना है। बता दें कि, 1990 में इस्लामी आतंकियों द्वारा कश्मीरी हिन्दुओं का नरसंहार किया गया था, हज़ारों हिन्दू मारे गए थे, उनकी बहन-बेटियों के सामूहिक बलात्कार हुए थे और लाखों हिन्दुओं ने इस्लामी आतंकियों के डर से कश्मीर से पलायन कर दिया था। हलांकि, उस समय भी अंतर्राष्ट्रीय मीडिया इसी तरह कट्टरपंथियों के पाप ढकने में लगा था, जैसे आज ढक रहा है। अब 'द गार्डियन' की आइना खान ने मीडिया संस्थान में आर्टिकल और अपने ट्वीट्स के जरिए हिन्दुओं को लगातार बदनाम किया और कट्टरपंथियों को बचाने के लिए फर्जी ख़बरें फैलाईं। 

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