हैदराबाद : एआईएमआईएम अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी को विश्वास है कि विकास कार्यों और लोगों के साथ मजबूत सम्बन्ध के दम पर वे चौथी बार हैदराबाद लोकसभा सीट से जीत दर्ज करेंगे, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस का दावा है कि लोगों को विभाजित करने की राजनीति और गुंडागर्दी कि वजह से ओवैसी को इस बार हार का मुंह देखना पड़ेगा. हैदराबाद लोकसभा क्षेत्र पारम्परिक रूप से अखिल भारतीय मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) का किला रहा है और 2004 से ओवैसी इस लोकसभा सीट पर लगातार जीत करते आए हैं. इस संसदीय क्षेत्र में छह विधानसभा क्षेत्र आते है जिनमें से पांच पर 2018 तेलंगाना चुनावों में पार्टी ने जीत हासिल की थी. भाजपा ने पुनः जे भगवंत राव को हैदराबाद सीट से उम्मीदवार बनाया है जिन्हें 2014 लोकसभा चुनाव में दो लाख से ज्यादा मतों से ओवैसी के हाथों हार झेलनी पड़ी थी. कांग्रेस ने 2018 विधानसभा चुनाव में नाकाम रहे फिरोज खान को इस बार लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाया है. इस लोकसभा सीट पर तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) ने पी श्रीकांत को प्रत्याशी बनाया है, किन्तु मुख्यमंत्री एवं टीआरएस अध्यक्ष के़ चंद्रशेखर राव ने यह स्पष्ट कर दिया है कि पार्टी ओवैसी का समर्थन कर रही है. प्रदेश में शेष 16 लोकसभा सीटों पर टीआरएस को ओवैसी से समर्थन की आशा है. हैदराबाद लोकसभा सीट से कुल 15 प्रत्याशी अपना भाग्य आजमा रहे हैं. खबरें और भी:- भाजपा विधायक के नाम से बनाया फर्जी फेसबुक अकाउंट, फिर डाले आपत्तिजनक पोस्ट लोकसभा चुनाव: दिल्ली में सीट शेयरिंग के लिए आप-कांग्रेस में मंथन शुरू, जल्द आ सकता है फैसला केजरीवाल का पीएम मोदी से सवाल, कहा - सीलिंग के लिए आप अध्यादेश क्यों नहीं लाए ?