दिल्ली की प्रथम महिला CM बनने वालीं सुषमा स्वराज महज 21 वर्ष की आयु में करने लगीं थीं ये काम

नई दिल्ली: भाजपा की दिग्गज नेता और केंद्रीय मंत्री रहीं सुषमा स्वराज का जन्म 14 फरवरी 1952 में हरियाणा के अंबाला छावनी में हुआ था, वे बेहतरीन राजनेता होने के साथ ही प्रखर वक्त भी थीं। उन्होंने अम्बाला के सनातन धर्म कॉलेज से संस्कृत तथा राजनीति विज्ञान में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की थी। 1970 में उन्हें अपने कालेज में सर्वश्रेष्ठ छात्रा का सम्मान मिला था। सुषमा स्वराज तीन वर्षों तक लगातार SD कालेज छावनी की NCC की सर्वश्रेष्ठ कैडेट और तीन वर्षों तक राज्य की श्रेष्ठ वक्ता भी चुनी गईं। इसके बाद उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ से कानून की पढ़ाई भी की।

पंजाब यूनिवर्सिटी से भी सुषमा स्वराज को 1973 में सर्वोच्च वक्ता के सम्मान से सम्मानित किया गया था। 1973 में ही महज 21 वर्ष की आयु में ही सुषमा, देश की सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता के रूप में कार्य करने लगी थीं। 13 जुलाई 1975 को उन्होंने स्वराज कौशल के साथ 7 फेरे लिए और विवाह के बंधन में बंध गईं। स्वराज, सर्वोच्च न्यायालय में उनके सहकर्मी और साथी वकील भी थे। सुषमा स्वराज के नाम महज 25 साल की आयु में कैबिनेट मंत्री बनने का रिकार्ड दर्ज है। साथ ही वो महज 27 वर्ष की उम्र में वह हरियाणा में भाजपा की प्रदेश इकाई की अध्यक्ष भी बन चुकी थीं। 

 

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1990 में सुषमा पहली बार राज्यसभा और 1996 में पहली बार 11वीं लोकसभा के लिए निर्वाचित हुईं। दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 13 दिन की सरकार में सुषमा को केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्रालय का जिम्मा सौंपा गया था। इसके साथ ही सुषमा को दिल्ली की प्रथम महिला CM बनने का भी गौरव प्राप्त है। 6 अगस्त 2019 को कार्डियक अरेस्ट के चलते सुषमा स्वराज का देहांत हो गया था और भारतीय सियासत का एक चमकता सितारा हमेशा के लिए हमसे दूर हो गया। 

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