14वें बच्‍चे को जन्म देते वक़्त हुई थी मुमताज़ की मौत, अंतिम समय में शाहजहाँ से लिए थे दो वादे

नई दिल्ली: आज मुगल बादशाह शाहजहां की 13 वीं पत्नी मुमताज़ की पुण्यतिथि है। आज ही के दिन यानी, 17 जून 1631 को अपनी 14 वीं संतान गौहारा बेगम को जन्म देने के दौरान प्रसव पीड़ा और अत्यधिक रक्तस्त्राव के चलते मुमताज की मौत हो गई थी।  मुमताज अपनी 19 साल के वैवाहिक जीवन में 10 वर्षों से अधिक समय तक गर्भवती रहीं।  

17 मई 1612 को मुमताज महल और शाहजहां का निकाह हुआ। उनके 14 बच्चे हुए, जिसमे से 8 लड़के और 6 लड़कियां थीं। इनमें केवल 7 ही जीवित बच सके, बाकी 7 की शिशुकाल में ही मौत हो गई। निकाह के बाद मुमताज महल ने लगातार शाहजहां के 10 बच्‍चों को जन्‍म दिया था। 10वें और 11वें बच्‍चे के जन्‍म में पांच वर्ष का अंतर था। 1627 में मुमताज़ 12वीं दफा गर्भवती हुईं। इसके दो वर्ष के बाद उन्होंने 1629 में 13वें बच्‍चे को जन्‍म दिया। 14वें बच्‍चे को 1631 में जन्‍म देने के दौरान 30 घंटे तक लेबर पेन से तड़पते हुए मुमताज ने दम तोड़ दिया था।

मुमताज ने अंतिम समय पर शाहजहां से 2 वादे लिए। पहला वादा निकाह न करने को लेकर था। जबकि दूसरा वादा एक ऐसा मकबरा बनवाने का था, जो दुनिया में अनोखा हो। हालाँकि, शाहजहां ने पहला वादा तो नहीं निभाया और मुमताज़ की मौत के बाद 3 शादियां और की। एक शादी तो शाहजहां ने मुमताज़ के मरने के एक हफ्ते के अंदर ही उसकी बहन फरजाना से कर ली थी। वहीं, दूसरे वादे के बारे में कहा जाता है कि, मुमताज़ की याद में ही शाहजहां ने ताजमहल बनवाया। 

साइकिल सवार श्रमिक को कार ने मारी टक्कर, मौके पर हुई मौत

झज्जर में दर्दनाक हादसा ट्रैक्टर और कार की टक्कर में 3 की मौत

'10 करोड़ देना चाहता हूँ..', ओडिशा ट्रेन हादसे के पीड़ितों की मदद के लिए ठग सुकेश ने लिखा पत्र

Related News