तुर्की के बाद अब इस इस्लामिक देश में भारतीय गेंहू लेने से किया इंकार, इधर सरकार ने रोका लाखों टन का एक्सपोर्ट

नई दिल्ली: पहले तुर्की और फिर मिस्र, एक ओर तो कई देश भारतीय गेहूं को लेने से इंकार कर रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर भारत सरकार ने भी कई लाख टन गेहूं के एक्सपोर्ट ऑर्डर को रोक दिया है. सरकार ने निर्यात के लिए भेजे गए सभी आवेदनों को खारिज कर दिया है.  वाणिज्य मंत्रालय के तहत काम करने वाले विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने 15 लाख टन गेहूं के निर्यात के लिए आए आवेदन खारिज कर दिए हैं. 

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने गेहूं के निर्यात के लिए लेटर्स ऑफ क्रेडिट (LCs) जारी करने की प्रक्रिया को थोड़ा सख्त कर दिया है. इसके लिए कई चरण की स्क्रूटनी प्रोसेस लागू की गई है, ताकि सिर्फ उन्हीं निर्यात ऑर्डर के लिए एलसी जारी हों जो सरकार के मई महीने में गेहूं के एक्सपोर्ट पर लगाए गए प्रतिबंध के नियमों के अनुकूल हों. खबर के अनुसार, सरकार ऑर्डर की स्क्रूटनी करने वाली दो सदस्यीय आंतरिक कमेटी की सहायता के लिए एक एक्सपर्ट को नियुक्त करने की प्रक्रिया में है. ये बाहरी एक्सपर्ट एक एक्स-बैंकर होगा जिसके पास LCs के लिए कार्य करने का अनुभव होगा. इससे प्रक्रिया को कड़ा बनाने में सहायता मिलेगी.

बता दें कि सरकार के गेहूं एक्सपोर्ट को लेकर सख्ती के बीच कई देशों ने भारत का गेहूं लेने से इंकार कर दिया है. पहले तुर्की ने भारतीय गेहूं में रूबेला वायरस की शिकायत होने के कारण लेने से मना कर दिया. हालांकि ये गेहूं पहले भारत से नीदरलैंड भेजा गया था और वहां से तुर्की. बाद में लगभग 55,000 टन इस गेहूं को मिस्र ने लेने की बात कही, मगर अंत में उसने भी इसे लेने से इंकार कर दिया. 

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