कृषि बिल फाड़कर बोले गोपाल राय- जिस दिन किसान-जवान एक हो गए, अहंकारी सरकार नहीं रहेगी

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा का विशेष सत्र आज से शुरू हो गया है. उत्तरी नगर निगम में 2400 करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए केजरीवाल सरकार ने यह स्पेशल सत्र आयोजित किया है. सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विधानसभा में केंद्र के तीन कृषि कानूनों पर बहस शुरू हुई. चर्चा के दौरान आम आदमी पार्टी (आप) के MLA गोपाल राय और महेंद्र गोयल ने कृषि कानूनों की प्रतियां फाड़ी. विधायकों ने इस दौरान जय जवान-जय किसान का नारा भी लगाया. 

गोपाल राय ने विधानसभा में कहा किसान इस कड़ाके की सर्दी में सड़क पर ज़िन्दगी गुजारने को विवश हैं. ऐसे में संसद का सत्र बुलाकर इस कानून पर चर्चा करने की आवश्यकता थी. मगर दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने दिल्ली में विधानसभा सत्र बुलाकर इस पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि “अब तक आंदोलन में 12 किसानों की जान जा चुकी है, कल एक किसान ने किसानों की दुर्दशा को देखकर अपने प्राण त्याग दिए. राजनीति यदि किसानों और किसानों के मुद्दे पर नहीं होगी तो क्या अंबानी और अंबानी के दलालों के लिए होगी.”

गोपाल राय ने आगे कहा कि, “यदि केंद्र सरकार ने रामलीला मैदान में आंदोलन करने की अनुमति दी होती, तो 12 किसानों की मौत नहीं होती. यदि किसान रामलीला मैदान में आंदोलन करता तो क्या हो जाता, यदि आज दिल्ली की सीमाएं सील हैं तो उसका एक ज़िम्मेदार है उसका नाम है भाजपा की केंद्र सरकार. उन्होंने कहा कि “पीएम मोदी के कहने के बाद भी मेरे खेत की फसल 1100 में बिकी है, जबकि MSP 1800 है. किसान का बेटा ही जवान होता है, जिस दिन दोनों एक हो जाएंगे, अहंकारी सरकार नहीं रह सकती.”

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