भारत में ना जाने कितने ही रेलवे ट्रैक है जहाँ पर पीले रंग के बोर्ड लगे रहते हैं और उनपर शहर का नाम लिखा रहता है साथ ही समुद्र तल की ऊंचाई भी. शहर का नाम लिखा रहना तो समझ आता है लेकिन समुद्र की ऊंचाई का लिखे रहना यह बात गले से नीचे नहीं उतरती. हम सभी ने अक्सर ही कई रेलवे स्टेशंस पर पीले रंग के बोर्ड देखे हैं जिनपर शहर के नाम के साथ ही समुद्र तल की ऊंचाई भी लिखी रहती है. अब अगर आपको भी नहीं पता कि वह क्यों लिखी रहती है तो आप इस खबर से यह जानकारी ले सकते हैं.
जी दरअसल में बोर्ड पर समुद्र तल की ऊंचाई इसलिए लिखी जाती है क्योंकि पहले के समय में दुनिया को एक समान ऊंचाई पर नापने के लिए वैज्ञानिकों को एक ऐसे पॉइंट की जरूरत होती थी जो सामान दिखे ऐसे में समुद्र को परफेक्ट माना गया क्योंकि समुद्र की पानी से ऊंचाई एक समान रहती है और यही कारण है कि पीले बोर्ड पर शहर के साथ समुद्र तल की ऊंचाई भी लिखी जाती है. अब आप सोच रहे होंगे कि वो सब तो ठीक है लेकिन लिखने से क्या फायदा होता है यह अब तक समझ नहीं आया, तो वह भी हम आपको बता देते हैं.
अब आप मान लीजिए कि एक ट्रेन की समुद्र तल की ऊंचाई 100 मीटर से 200 मीटर की तरफ बढ़ रही है तो उस वक्त गार्ड या ड्राइवर बोर्ड पढ़कर अपने दिमाग में यह गणित लगा लेता है कि उसकी आगे की स्पीड कितनी होगी या उसे आगे अपनी ट्रैन की स्पीड कितनी रखनी है. वह यह सब पता कर लेता है कि आगे तारों की ऊंचाई क्या होगी और ब्रेक मारने पर क्या होगा और भी बहुत कुछ. बस यही वजह है कि पील रंग के बोर्ड पर शहर के नाम के साथ समुद्र तल की ऊंचाई लिखी जाती है.
में ना जाने कितने ही रेलवे ट्रैक है जहाँ पर पीले रंग के बोर्ड लगे रहते हैं और उनपर शहर का नाम लिखा रहता है साथ ही समुद्र तल की ऊंचाई भी. शहर का नाम लिखा रहना तो समझ आता है लेकिन समुद्र की ऊंचाई का लिखे रहना यह बात गले से नीचे नहीं उतरती. हम सभी ने अक्सर ही कई रेलवे स्टेशंस पर पीले रंग के बोर्ड देखे हैं जिनपर शहर के नाम के साथ ही समुद्र तल की ऊंचाई भी लिखी रहती है. अब अगर आपको भी नहीं पता कि वह क्यों लिखी रहती है तो आप इस खबर से यह जानकारी ले सकते हैं.
जी दरअसल में बोर्ड पर समुद्र तल की ऊंचाई इसलिए लिखी जाती है क्योंकि पहले के समय में दुनिया को एक समान ऊंचाई पर नापने के लिए वैज्ञानिकों को एक ऐसे पॉइंट की जरूरत होती थी जो सामान दिखे ऐसे में समुद्र को परफेक्ट माना गया क्योंकि समुद्र की पानी से ऊंचाई एक समान रहती है और यही कारण है कि पीले बोर्ड पर शहर के साथ समुद्र तल की ऊंचाई भी लिखी जाती है. अब आप सोच रहे होंगे कि वो सब तो ठीक है लेकिन लिखने से क्या फायदा होता है यह अब तक समझ नहीं आया, तो वह भी हम आपको बता देते हैं.
अब आप मान लीजिए कि एक ट्रेन की समुद्र तल की ऊंचाई 100 मीटर से 200 मीटर की तरफ बढ़ रही है तो उस वक्त गार्ड या ड्राइवर बोर्ड पढ़कर अपने दिमाग में यह गणित लगा लेता है कि उसकी आगे की स्पीड कितनी होगी या उसे आगे अपनी ट्रैन की स्पीड कितनी रखनी है. वह यह सब पता कर लेता है कि आगे तारों की ऊंचाई क्या होगी और ब्रेक मारने पर क्या होगा और भी बहुत कुछ. बस यही वजह है कि पील रंग के बोर्ड पर शहर के नाम के साथ समुद्र तल की ऊंचाई लिखी जाती है.