महीनेभर तक 'कोरोना' से लड़ता रहा 27 वर्षीय डॉक्टर, लेकिन नहीं बच सकी जान

भोपाल: एक महीने तक कोरोना से जंग लड़ने के बाद एक 27 वर्षीय डॉक्टर ने नई दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल (SGRH) में दम तोड़ दिया. जोगिंदर चौधरी 28 जून से इस महामारी से जूझ रहे थे. एक महीने पहले 27 जून को उनकी कोरोना रिपोर्ट आई थी, जिसमे वे पॉजिटिव पाए गए थे। बता दें कि वह एक जूनियर रेजिडेंट थे और अक्टूबर 2019 से दिल्ली सरकार द्वारा संचालित डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर (BSA) मेडिकल हॉस्पिटल एंड कॉलेज में जरुरत के आधार पर कार्य कर रहे थे. उन्होंने 23 जून को बुखार आने के पहले तक फ्लू क्लीनिक में और अपने कैजुअलटी वार्ड में अपनी सेवाएं दी. 

डॉक्‍टर चौधरी ने अपने दो सहयोगियों के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद अपना भी टेस्ट कराया. चार दिन बाद उनकी भी रिपोर्ट पॉजिटिव  आई और उन्हें BSA अस्पताल में एडमिट करा दिया गया, जहां उन्होंने सांस लेने में समस्या की शिकायत की. हालात बिगड़ने पर उन्हें एक दिन बाद लोक नायक जय प्रकाश अस्पताल (LNJP) में एडमिट कराया गया। जोगिंदर के चाचा और BSA में एक नर्सिंग अधिकारी रामेश्वर संघवा ने बताया कि, “उसकी हालत नाजुक होने के बाद उसे SGRH में भर्ती कराया गया.” उन्होंने कहा कि,“जोगिंदर को 27 जून को BSA अस्पताल में एडमिट कराया गया था, किन्तु वहां के डॉक्टरों ने बताया कि उनकी हालत बेहद नाज़ुक है.  जिसके बाद डॉक्‍टर जोगिंदर को LNJP अस्पताल में ले जाया गया. 

30 जून को LNJP  के चिकित्सकों ने उनके पिता से कहा कि जोगिंदर को वेंटिलेटर पर रखा जाएगा, क्योंकि उनके फेफड़ों में छिद्र हो गया है. इसके बाद उन्हें सात जुलाई को उपचार के लिए SGRH में भर्ती कराया गया था.  जहाँ कोरोना से जूझते हुए उन्होंने दम तोड़ दिया. 

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