मानसून सत्र: हंगामे की लड़ाई आर-पार पर आई, 18 विपक्षी नेताओं ने जारी किया संयुक्त बयान

नई दिल्ली: संसद के मानसून सत्र में Pegasus जासूसी कांड और कृषि कानूनों को लेकर हंगामा जारी है. विपक्षी पार्टियां इन विषयों पर चर्चा करने की मांग कर रहीं हैं, किन्तु सरकार की ओर से अब तक इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया है. इस बीच 14 विपक्षी पार्टियों के 18 नेताओं ने संयुक्त बयान जारी करते हुए संसद में पेगासस जासूसी कांड और कृषि कानूनों पर चर्चा करने की मांग की है. 

इस संयुक्त बयान में कहा गया है कि संसद में हंगामे के लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार है, सरकार, विपक्ष पर आरोप लगाकर भ्रमित करने की कोशिश कर रही है. संयुक्त बयान में कहा गया है कि पूरा विपक्ष एकजुट है और लोकसभा-राज्यसभा में केंद्रीय गृहमंत्री से पेगासस जासूसी कांड पर जवाब चाहता है, क्योंकि यह एक राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा है. इसके अलावा विपक्षी नेताओं के संयुक्त बयान में किसानों के मसले पर चर्चा किए जाने की मांग भी की गई है. 

14 राजीतिक पार्टियों के 18 नेताओं द्वारा जारी किए गए इस बयान में कहा गया है कि सरकार अहंकार दिखा रही है और विपक्ष की चर्चा की मांग को नहीं मान रही है. विपक्षी नेताओं का कहना है कि सरकार, विपक्ष को सदन न चलने का जिम्मेदार बता रही है, जबकि ये सरकार के हाथ में है. बयान में कहा गया है कि विपक्ष, सरकार से एक बार फिर अपील करता है कि संसदीय लोकतंत्र का सम्मान करें और चर्चा करने के लिए तैयार हों. 

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