आपने अकसर देखा होगा जो लोग सुनने और बोलने में सक्षम नहीं होते उनका अपनी बात रखने का अलग ढंग ही कहा जाता है। जैसे कि वे अपने हाथ, चेहरे और शरीर के हाव से बात करते हैं जिसे सांकेतिक भाषा यानी Sign Language के नाम से भी बुलाया जाता है। जिस तरह हर भाषा के अपने व्याकरण और नियम होते हैं ठीक उसी तरह साइन लैंग्वेज का भी अपना एक कोर्स (Course) होता है, लेकिन यह भाषा कभी लिख सकते। आपको बता दें कि वर्ल्ड बधिर संघ ने अंतरराष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस मनाए जाने का प्रस्ताव भी रख दिया था। संयुक्त राष्ट्र (UNO) महासभा ने 23 सितंबर 2018 को सांकेतिक भाषा दिवस के रूप में मनाने का एलान किया था। सांकेतिक भाषा दिवस पहली बार 2018 में सेलिब्रेट किया गया था। वर्तमान साल में सांकेतिक भाषा दिवस की थीम 'साइन लैंग्वेज हर एक के लिए' है। क्यों मनाया जाता है सांकेतिक दिवस: अंतरराष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस जागरूकता और उसके महत्व को बताने के लिए सेलिब्रेट किया जाता है। इस दिन बधिरों के लिए अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित कर उन्हें इस भाषा की नई-नई बातों से अवगत भी करवाया गया है। विश्व बधिर संघ के अनुसार दुनिया में लगभग 72 मिलियन बधिर हैं, इनमें बधिरों का 80 प्रतिशत आंकड़ा सिर्फ विकासशील देशों में हैं। विकासशील देशों में 300 से भी अधिक साइन लैंग्वेज का इस्तेमाल किया जाता है। आपको बता दें कि भारत में बोलने और सुनने में असमर्थ व्यक्तियों की समस्या विश्व में सबसे अधिक है। सांकेतिक भाषा सीखने के फायदे: सांकेतिक भाषा एक प्राकृतिक भाषा है जो सिर्फ शरीर के हाव-भाव पर ही आधारित है। इसे एक दृ्श्य भाषा (Visual Language) भी बोला जाता है जो कि सिर्फ दिखाई देती है क्योंकि इस भाषा को कोई भी नहीं लिख सकता। जब बात आती है साइन लैंग्वेज को सीखने की, आपके सामने दो ऑप्शन होते हैं। पहला यह कि आप इसे सिर्फ अपने शौक के लिए सीख सकते हैं। दूसरा यह कि इस भाषा को सीखने के उपरांत आपके पास करियर में एक विकल्प और जुड़ चुका है। करियर के नजरिए से बेहतर: यदि आप में इस समुदाय के प्रति प्रेम-भावना है तो आप इस भाषा को सीख किसी बधिर समाजसेवी संगठन से जुड़कर इनकी सहायता कर सकते हैं। इस बीच आपको इस समुदाय के बारे में बहुत कुछ जानकारी मिल जाती है। इस भाषा को सीखने के उपरांत आपके पास कई वर्किंग सेक्टर में करियर बनाने के विकल्प होंगे जैसे कि सरकारी क्षेत्र, मेंटल हेल्थ, मेडिकल, कानून से लेकर बिजनेस तक जिसमे शामिल हैं। अगर आपको सांकेतिक भाषा का ज्ञान है तो आप किसी भी स्वंयसेवी संस्था से जुड़कर अपना करियर बना पाएंगे। नेपाल में हुआ बड़ा हादसा, कई लोगों की हुई दर्दनाक मौते वकील के खिलाफ हुई कायमी, जानिए क्या है पूरा मामला मुख्यमंत्री जन सेवा अभियान आरंभ, महत्वपूर्ण कार्यक्रमों का हुआ आयोजन