दिल्ली में आधी आबादी ने लोकतंत्र चुनाव में दिया अपना योग्यदान

नई दिल्ली: लोकतंत्र को मजबूत करने की परीक्षा में आधी आबादी (महिलाओं) ने अपनी पूरी भागीदारी निभाई. वहीं उन्होंने अपनी सुरक्षा, विकास, रोजगार और घरेलू बजट के नाम पर ईवीएम का बटन दबाया. मुस्लिम बहुल समेत कई ग्रामीण इलाकों में महिलाएं मतदान की जिम्मेदारी निभाने में पीछे नहीं रही. वोट देकर मतदान केंद्रों से बाहर निकली महिलाओं ने चुटीले अंदाज में कहा कि परिवार का वोट इस बार हमने ही तय किया है. लेकिन महिलाओं की ताकत को समझते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी ट्वीट के माध्यम से महिलाओं से मतदान करने की अपील की थी.

अभी तक मिली जानकारीं के अनुसार दिल्ली के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में जागरूक मतदाता की जिम्मेदारी निभाने के लिए कई बूथों पर महिलाएं सुबह ही पहुंच गई थी, जिस तरह सीएए और एनआरसी के खिलाफ महिलाएं एकजुट होकर सड़क पर हैं, ठीक उसी तरह मतदान कर अपनी ताकत का अहसास कराया. ओखला विधानसभा के ज्यादातर मतदान केंद्रों पर पुरुषों से अधिक महिलाओं की भीड़ देखी गई. शाहीन बाग और जामिया का नजारा तो कुछ अलग ही था. बूथों पर महिलाओं का उत्साह बता रहा था कि उन्होंने वोट डालकर लोकतंत्र में अपनी सक्रिय भागीदारी दिखाई है.

वहीं यह भी कहा जा रहा है कि अपने परिवारों के साथ ही नहीं, महिलाएं टोलियों में भी बूथों पर पहुंचीं. बड़ी संख्या में महिलाओं ने मतदान केंद्र तक पहुंचने के लिए ई-रिक्शा का भी सहारा लिया. महिलाओं ने कहा कि वोट में उनकी मर्जी चली है. जंहा  कई महिलाएं ऐसी भी थी जिन्हें प्रत्याशी का नहीं पता था, लेकिन यह पता था कि लोकतंत्र के इस पर्व में एक जागरूक नागरिक की भूमिका निभानी है. आठ बजे वोटिंग शुरू होने से पहले ही कई बूथों पर आधी आबादी घर का काम निपटाकर मतदान करने पहुंच गई थीं. कई जगहों पर तो महिलाएं अन्य लोगों को वोट देने की अपील भी करती दिखाई दी.

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