1993 और 2011 में नरसिम्हा राव और मनमोहन मौन क्यों थे ? सिंधिया ने पुछा सवाल, सदन छोड़कर बाहर चले गए विपक्षी सांसद

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आज विपक्ष पर निशाना साधते हुए INDIA गठबंधन का मजाक उड़ाया और कहा कि जो लोग अविश्वास प्रस्ताव लाए थे, उन्हें ही इस पर विश्वास नहीं है। सिंधिया ने कहा कि "मैंने संसद में 20 साल बिताए हैं, लेकिन मैंने कभी ऐसा कुछ नहीं देखा। देश के सर्वोच्च पद पर बैठा व्यक्ति, प्रधानमंत्री जो 140 करोड़ भारतीयों के दिलों में बसता है, विपक्ष उसके लिए जिन शब्दों का इस्तेमाल करता है। मेरा मानना है कि उन्हें संसद के सामने नहीं, तो देश की जनता के सामने माफी मांगनी ही होगी।

केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने कहा कि, ''यह अविश्वास प्रस्ताव मणिपुर के बारे में नहीं है, यह एक बहाना है जिसके तहत वे (विपक्षी दल) अपनी राजनीतिक रोटियां सेंक रहे हैं। प्रधानमंत्री ने संसद के बाहर मणिपुर की स्थिति पर एक संवेदनशील बयान दिया, लेकिन वे इस बात पर अड़े हैं कि उन्हें संसद के अंदर बोलना होगा।''  उन्होंने कहा, गृह मंत्री अमित शाह कहते रहे कि वह चर्चा के लिए तैयार हैं, लेकिन विपक्ष ने 17 दिनों तक संसद की कार्यवाही बाधित की। सिंधिया ने पूछा कि पूर्व प्रधानमंत्रियों पीवी नरसिम्हा राव और डॉ. मनमोहन सिंह ने क्रमशः 1993 और 2011 में मणिपुर में हिंसा की घटनाओं के दौरान "मौन की शपथ क्यों ली" थी। "यह दोमुंही राजनीति, सुविधा की राजनीति नहीं तो क्या है?' सिंधिया ने RJD सांसद मनोज कुमार झा पर निशाना साधते हुए कहा कि, "INDIA गठबंधन में एक प्रोफेसर हैं जो नैतिकता और मूल्यों की बात करते हैं, लेकिन उनकी पार्टी ने भ्रष्टाचार में कीर्तिमान स्थापित किए हैं। यह उनका चरित्र है।" इसके बाद जैसे ही सिंधिया की स्पीच के बीच विपक्षी सांसद सदन से वॉकआउट करने लगे, तो सिंधिया ने कहा, 'देश की जनता ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया है, अब वे संसद से भी बाहर जा रहे हैं।'

इसके साथ ही सिंधिया ने UPA शासन के दौरान भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन से पैदा हुई आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस के साथ गठबंधन को लेकर भी कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने तृणमूल कांग्रेस (TMC) पर पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। सिंधिया ने कहा कि, 'आज कांग्रेस, TMC और वाम दलों ने हाथ मिला लिया है। यह उनकी वास्तविकता है।' साथ ही सिंधिया ने लालू प्रसाद यादव की RJD और नीतीश कुमार की JDU के एक साथ आने पर भी तंज कसा. उन्होंने कहा कि, ''वे संविधान बचाने की बात करते हैं, उन्हें पहले बताना चाहिए कि क्या वे अपने आदर्श बचा सकते हैं।'' उन्होंने कहा, ''उनके दिल नहीं मिलते, उनकी पार्टियां एक हो गई हैं।''

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