रूस से सस्ते दाम पर तेल खरीदकर अमेरिका को क्यों बेच रहा भारत ?

नई दिल्ली: रूस से तेल खरीद पर रोक लगाने के बाद अमेरिका ने देश में तेल की सप्लाई को बरक़रार रखने के लिए भारत की तरफ रुख किया है. जानकारी के मुताबिक, ग्लोबल ऑयल ट्रेडर्स  Vitol और Trafigura दोनों ने भारतीय रिफाइनरी नायरा एनर्जी से 10 से 15 डॉलर प्रति बैरल के हिसाब से एक-एक कार्गो  वैक्यूम गैस ऑयल (VGO) खरीदा है. सूत्रों के अनुसार, दिसंबर में यह कार्गो भारत के वादीनार पोर्ट से अमेरिका या यूरोप के लिए रवाना होगा. बता दें कि, VGO एक प्रकार का कच्चा तेल है, जिससे गैसोलिन और डीजल तैयार किया जाता है. 

उल्लेखनीय है कि, इससे पहले Aframax tanker Shanghai Dawn ने भी रिलायंस इंडस्ट्रीज के जामनगर पोर्ट से लगभग 80 हजार टन VGO खरीदा था. यह खेप अक्टूबर के आखिर में या नवंबर की शुरुआत में अमेरिका पहुंचा था. गत वर्ष की तुलना में इस साल भारत ने अमेरिका को काफी अधिक मात्रा में वैक्यूम गैस ऑयल की सप्लाई की है. मई 2021 में अमेरिका ने भारत से जहां केवल एक कार्गो VGO खरीदा था. वहीं, इस साल अमेरिका ने अभी तक कई खेप कार्गो VGO खरीद चुका है.

बता दें कि, यूक्रेन युद्ध से पहले अमेरिका को सर्वाधिक VGO का निर्यात रूस करता था. यूक्रेन के साथ युद्ध की वजह से रूस कई प्रतिबंधों का सामना कर रहा है. अमेरिका और कनाडा ने रूस से तेल खरीद पूरी तरह बंद कर दी है. वहीं, यूरोपियन यूनियन भी 5 दिसंबर से रूस से तेल खरीद पर रोक लगाने वाला है. बता दें कि, भारत विश्व का तेल खरीदने वाला तीसरा सबसे बड़ा देश है. अमेरिका सहित पश्चिमी देशों द्वारा रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने के बाद भी भारत रूस से भारी मात्रा में सस्ते दामों पर कच्चा तेल खरीद रहा है. भारत इस कच्चे तेल को रिफाइन कर पश्चिमी देशों को ऊँचे  दामों में निर्यात कर रहा है. 

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