कौन हैं कुलदीप सिंह ? जिन्होंने पाकिस्तान की जेल में काटे 29 साल

नई दिल्ली: आज से 29 साल पहले 10 दिसंबर 1992 को जम्मू कश्मीर का निवासी कुलदीप सिंह अचानक लापता हो गया था। कई दिनों तक जब कुलदीप नहीं लौटा तो परिजनों ने भी जगह-जगह जाकर उसकी खोजबीन शुरू की। जहां भी कोई उसके देखे जाने की जानकारी देता परिवार के सदस्य वहां पहुंच जाते, किन्तु कुलदीप का कोई पता नहीं चल रहा था। आखिरकार लापता होने के 4 साल बाद 1996 में कुलदीप को पहला संदेश मिला तो परिवार की टूट रही उम्मीद फिर बंध गई।

मकवाल के रहने वाले कुलदीप सिंह पाकिस्तान की कोट लखपत सेंट्रल जेल लाहौर की बैरक नंबर चार में बंद था। यही वो पता था, जहां से परिजनों को कुलदीप सिंह का कुशलक्षेम पता चलता रहा। कुलदीप से मिलने का रास्ता देखते हुए मां की आंखें भी बीते 29 वर्षों में पत्थर हो चुकी हैं। लेकिन इन्ही आंखों से अब खुशी के आंसू बह रहे हैं। कुलदीप सिंह की मां कृष्णा देवी बताती हैं कि उन्हें उम्मीद थी कि उनकी सांसों की डोर छूटने से पहले वो अपने बेटे से अवश्य मिल पाएंगी।

मां ने बताया कि उनका बेटा काफी दिलेर है। वो पाकिस्तान कैसे जा पहुंचा, यह तो उन्हें नहीं पता किन्तु उन्हें यह जरूर उम्मीद थी कि एक दिन उनका बेटा सकुशल वापस जरूर लौट आएगा। तीन दशक बाद ही सही, लेकिन भगवान ने उनकी प्रार्थना सुन ली है। परिवार के नजदीकी लोगों ने बताया कि वाघा बॉर्डर से भारत पहुंचे कुलदीप को अमृतसर में जांच के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया है। प्रोटोकॉल के मुताबिक, ही उसे JIC जम्मू ले जाया जाएगा जिसके बाद उसे कठुआ पुलिस और फिर परिजनों के हवाले कर दिया जाएगा। 

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