बच्चों के स्वास्थ्य के लिए स्ट्रिक्ट होना भी जरूरी है

फास्ट फूड नियमित सेवन किए जाने वाले दाल, चावल, रोटी, सब्जी से कहीं कम पोषक तत्वों के रूप में मात्र भूख मिटाने एवं स्वाद बढ़ाने का जरिया बने हुए हैं। इन सबसे बच्चे का वजन ज्यादा बढ़ जाता है लेकिन हमारा ध्यान इस और नहीं जाता और हम इस मोटापे को अच्छी हेल्थ की निशानी समझ कर उन्हें और अधिक खिलाने पिलाने पर जोर देते हैं.11 वर्ष की आयु तक के बच्चों में अधिक वजन होने के कारण हृदय रोग और ऐसी ही अन्य गंभीर बीमारियां तेजी के साथ फैल रही हैं, जिससे असमय ही उनकी मृत्यु भी हो रही है।

आप बछ्कों को पेट भर कर खिलाएं लेकिन कम से कम उन्हें स्वास्थ्यवर्धक चीजे तो खिलाने की कोशिश कीजिये। जो बच्चे की मर्जी होगी वही खायेगा वाली परिपाटी पर चलना छोड़े देना ही आपके और आपके बच्चे के लिए अच्छा होगा। आप अपने बच्चों को हैल्थी फ़ूड खिलाने के लिए कमर कस लीजिये क्यूंकि हो सकता है आपको अपने बच्चों के प्रति थोड़ा सा सख्त रवैय्या अपनाना पड़े लेकिन ये रवैय्या उनके स्वास्थ्य और भविष्य के लिए बिलकुल सही कदम होगा।

100 ग्राम के फ्रैंचफ्राई में फैट की मात्रा 6 से 7 प्रतिशत होती है तो दूसरी ओर भटूरे में इसका प्रतिशत 4 से 5 प्रतिशत होता है। पराठे में 7-8 , पूडिय़ां तथा टिकिया में 6-8 प्रतिशत फैट भी शारीरिक स्वस्थता के दृष्टिकोण से उचित नहीं है। इन सब चीजों को छोड़कर आप बच्चों के आहार में हरी सब्जियां शामिल करें। प्रोटीन से भरपूर खाद्य पदार्थों की जरूरत विशेष रूप से तेजी से बढ़ रहे बच्चों को होती है। प्रोटीन की ज्यादा मात्रा दूध ,डेयरी प्रोडक्ट, दालें, अंडे और मांस में होती है। प्रतिदिन अपने बच्चे को प्रोटीन से भरपूर पदार्थ खाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। आयरन, कैल्शियम के प्रचुरता वाले खाद्य पदार्थों को शामिल करें।

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