सागर : देशभर में मृतकों की शवयात्रा सही तरह से नहीं निकलने को लेकर कई तरह के मामले सामने आए और इनकी काफी आलोचना की गई मगर अभी भी ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं। सागर के क्षेत्र में तो हद हो गई। दरअसल यहां के एक निजी चिकित्सालय से एक दादा अपनी पोती का शव कंधे पर लेकर भीगता हुआ वहां से चला गया। दादा के पास इतने पैसे तक नहीं थे कि वह चिकित्सालय का बचा पैमेंट चुका पाए। वह रोते हुए अपनी पोती को कंधे पर लेकर गया। जब वह अपनी पोती का शव लेकर जा रहा था तब तेज़ बारिश हो रही थी मगर इसके बाद भी कंधे पर अपनी पोती का शव ले जाना उसकी मजबूरी थी। दरअसल चिकित्सालय भागयोदय धर्मार्थ चेरिटेबल ट्रस्ट द्वारा संचालित किया गया है। अस्पताल प्रबंधन को गरीब परिवार की मजबूरी नहीं दिखाई दी। पहले तो अस्प्ताल इस लड़की का शव तक नहीं दे रहा था मगर बाद में इसे शव दे दिया गया। यह वाकया हुआ बांदरी थाना उमराई गांव की शिवानी 3 वर्ष के साथ। दरअसल वह बीमार थी और उपचार के लिए शिवानी को यहां भर्ती करवाया गया था। शिवानी के पिता मुकुंद अहिरवार, उसके दादा परमलाल व दादी मुला बाई उसे चिकित्सालय लाए थे। परिवार जैसे - तैसे पैसे लेकर बच्ची को भर्ती करवा चुका था। मगर जब उसकी मौत हो गई। तो बयाका पैसे न देने तक उसका शव नहीं देने दिया जा रहा था। ऐसे में अस्पताल में बच्ची के दादा और दादी ने लोगों से अपील की। तब पप्पू और अजय नामक व्यक्तियों ने परिवार की मदद कर उसे हजार रूपए दिए। जिसके बाद वह शव लेकर चला गया। बीवी की लाश ने बना दिया मांझी को लखपति एम्बुलेंस नहीं आने पर रिक्शे से पहुंचाया शव शिव तेरे राज में अजब हो गया एमपी, बेटे के पोस्टमार्टम के लिए 18 घंटे... ओडिशा में फिर हुई इंसानियत शर्मसार, बेटी की लाश को लेकर 6 KM... गरीब के कांधे पर इंसानियत का जनाज़ा, दर्द में लिपटी दास्तान फिर खुली व्यवस्थाओं की पोल, आॅटो में हो गया महिला को प्रसव