पश्चिम बंगालः आगामी विधानसभा चुनाव के लिए टीएमसी इस अभियान के जरिए चुनेगी कैंडिडेट

कोलकाताः पश्चिम बंगाल की राजनीति इस लोकसभा चुनाव के परिणाम के आने के बाद काफी दिलचस्प हो गई है। राज्य में बीजेपी एक नई ताकत के तौर पर उभरी है। इस बात का अंदाजा सीएम ममता बनर्जी को लग गया है। इसीलिए वह 2021 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर अभी से कमर कसना शुरू कर दी है। इसे लेकर विभिन्न जनसंपर्क अभियान चलाया जा रहा है। नेताओं के कार्यो का लेखाजोखा लिया जा रहा है। ममता बनर्जी लगातार जिलों का दौरा कर रही हैं, प्रशासनिक बैठक के साथ नेताओं की बैठक कर रही है।

इस बीच चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के दिमाग की उपज कहे जाने वाले 'दीदी के बोलो' अभियान के जरिए भी पार्टी लगातार जनसंपर्क बढ़ाने में जुटी हुई है। वहीं, कहा जा रहा है कि 2021 में तृणमूल के लिए उम्मीदवार चुनने का आधार दीदी के बोलो अभियान बनेगा और पार्टी उन्हीं को टिकट देगी जिनका दीदी के बोलो अभियान के जरिए बेहतर ट्रेक रिकार्ड पाया गया। टीएमसी सूत्रों के मुताबिक इस अभियान का परिणाम 2021 के विधानसभा चुनावों के लिए उम्मीदवार के चयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, क्योंकि पार्टी केवल उन्हीं नेताओं व विधायकों को टिकट देगी जिनके प्रदर्शन से पार्टी सुप्रीमो प्रभावित होंगी।

इस संदर्भ में तृणमूल के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि दीदी के बोलो अभियान वास्तविक तौर पर जन आधार के साथ योग्य उम्मीदवारों की तलाश करने का आधार बनेगा। नेता ने कहा कि अभियान निकम्मे नेताओं को बाहर करने के लिए एक फिल्टर के रूप में भी कार्य करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि किशोर की टीम पार्टी विधायकों के प्रदर्शन पर एक रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपेगी, जो अगले विधानसभा चुनावों के लिए उम्मीदवार के चयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। बता दं कि ममता को केंद्र की सबसे बड़ी विरोधी के तौर पर देखा जाता है। इसिलिए बीजेपी की भी बंगाल पर खास नजर है। 

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