'भटक गए थे, अब समझ में आया..', 3 परिवारों के सभी लोगों ने सनातन धर्म में की घर वापसी

रयपुर: छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले में जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती का 81वां प्रकाट्य महोत्सव मनाया गया. इस दौरान हजारों की तादाद में उनके अनुयायी शामिल हुए‍. इस दौरान 3 परिवारों के 10 सदस्यों ने सनातन धर्म में वापसी की. यह लोग OBC और ST समाज के थे. उन्होंने लगभग 6 वर्ष पूर्व धर्म परिवर्तन किया था. इन लोगों ने कार्यक्रम में जिंदगी की कई बातें साझा कीं.

बता दें कि, हिंदू धर्म में वापसी करने वालों में ओडिशा के परिवार के सदस्य रोहित यादव, पुनीत नेताम, संतोषी नेताम, किरण यादव का नाम शामिल हैं. इन सभी ने 6 वर्ष पूर्व अपना धर्म छोड़ा था. इन सदस्यों ने विधिवत रूप से मुंडन और तिलक लगाया. उन्होंने स्टेज से कहा कि हमने भटक कर धर्म बदल लिया था, अब समझ में आया है. इसलिए वापसी कर रहे हैं. इसी प्रकार रायपुर के भी परिवार ने सनातन धर्म में वापसी की. धर्म में वापसी करने वालों के नाम सियाराम चंद्राकर, लक्ष्मी चंद्राकार, भगवती चंद्राकार, प्रमिला चद्राकर, बबली चंद्राकार, जीवन लाल चंद्राकर हैं. इस दौरान स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने मंच से लोगों को एक काम भी दिया. उन्होंने कहा कि प्रत्येक हिंदू परिवार एक रुपया और एक घंटे सेवा का वक़्त दे. इस प्रकार जमा किए हुए रुपयों से विकास किया जाए. यह सिर्फ पेट तक सीमित न रहे.

बता दें कि, आदिवासियों और अनुसूचित जाति के लोगों का धर्म परिवर्तन छत्तीसगढ़ में बड़ा मुद्दा बन चूका है. खास कर बस्तर में स्थिति अनियंत्रित है. यहां कई आदिवासी धर्म परिवर्तन कर ईसाई बन गए है. यही नहीं इस धर्मांतरण की वजह आदिवासियों की आपसी रंजिश भी बढ़ती जा रही है. कई लोग धर्मांतरण के कारण आम जनता से लेकर अधिकारियों पर हमले कर रहे हैं.

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