इन्होंने खोज निकाली माइक्रोसॉफ्ट में खामी, मिला लाखों का रिवार्ड

शहरों के साथ - साथ अब गाँवो के युवा भी तकनीक के क्षेत्र में आगे बढ़ते जा रहे हैं कुमाऊं के दूरस्थ गांव में निवास करने वाले विकास बिष्ट ने साइबर की दुनिया में एक और नया मुकाम हासिल कर लिया है। गूगल को भेदने के बाद विकास ने ऑपरेटिंग सिस्टम बनाने वाली कंपनी माइक्रोसाफ्ट में डोमेन में हाइजेकिंग बग खोज निकाला है। इस उपलब्धि के कारण माइक्रोसाफ्ट की ओर से विकास को 2.21 लाख रुपये का रिवार्ड भी दिया गया है।

सायबर कंपनी के कर्मचारी है विकास  देहरादून की इंडियन साइबर डिफेंस एलाइंस कंपनी में काम करने वाले विकास मूल रूप से कुमाऊं के पिथौरागढ़ जिले के मिर्थी गांव के निवासी हैं। विकास ने बताया कि उनकी कंपनी कई मल्टीनेशनल कंपनियों को साइबर सिक्टोरिटी प्रोवाइड करती है। इसी के लिये काम करते हुए विकास ने माइक्रोसाफ्ट डोमेन में हाइजैकिंग बग खोजा है। विकास ने बताया कि डोमेन हाइजेकिंग बग खोजने पर माइक्रोसाफ्ट ने उन्हें बग बाउंटी प्रोग्राम के तहत पहले 72 हजार रुपये और फिर 1.49 लाख रुपये का रिवार्ड दिया है।

पिता है शिक्षक  पिथौरागढ़ जिले के मिर्थी निवासी विकास सामान्य परिवार से ताल्लुकरखते हैं। विकास के पिता चंदन सिंह बिष्ट धारचूला के जूनियर हाईस्कूल में शिक्षक हैं, जबकि माता गृहिणी हैं। विकास ने मेरठ से इंटीग्रेटेड ग्रेजुएशन इन साइबर सिक्योरिटी कोर्स किया है।

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