बंगाल में केंद्रीय राज्यमंत्री पर हमला! कोर्ट ने CBI को सौंपी जांच, पर दस्तावेज़ ही नहीं दे रही ममता की पुलिस

कोलकाता: केंद्रीय जांच एजेंसी CBI, ममता बनर्जी की पुलिस के खिलाफ कोलकाता हाई कोर्ट पहुँच गई है। CBI ने कोर्ट में कहा है कि, बंगाल पुलिस, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री निशीथ प्रमाणिक पर हुए हमले का पेपर नहीं दे रही है। इस मामले को लेकर CBI ने राज्य पुलिस के खिलाफ कोर्ट की अवमानना ​​का केस दायर किया है। बता दें कि, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने केंद्रीय मंत्री निशीथ प्रमाणिक के काफिले पर हुए हमले की जांच CBI को दी थी। इसके साथ ही बंगाल पुलिस को तमाम दस्तावेज CBI के हवाले करने का भी आदेश दिया था, मगर न जाने किस कारण से पुलिस ने CBI को दस्तावेज नहीं दिए, तो जाँच एजेंसी कोर्ट पहुँच गई और अदालत से शिकायत की।

आज मंगलवार (4 अप्रैल) को CBI ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश का ध्यान आकर्षित किया। इसके बाद ही अदालत ने केस दाखिल करने की अनुमति दे दी। बता दें कि, केंद्रीय राज्य मंत्री के काफिले पर हुए हमले ने राज्य की सियासत में खलबली मचा दी थी। इस मामले पर ममता सरकार का कहना है कि यह दिनहाटा में केंद्रीय राज्य मंत्री पर हुआ हमला आम लोगों के गुस्से की अभिव्यक्ति थी। कूचबिहार के साहेबगंज थाने की पुलिस ने अपनी पहल पर केस दर्ज किया था। भाजपा का कहना है कि पुलिस ने जानबूझकर भाजपा नेताओं के खिलाफ ही केस दर्ज कर दिया है। भाजपा ने पलटा पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े करते हुए CBI जांच की मांग करते हुए कलकत्ता हाई कोर्ट में मुकदमा दाखिल कर दिया।

हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई में ही ममता सरकार की भूमिका पर सवाल खड़े किए। कोर्ट ने पुछा कि, घटना वाले दिन पुलिस अधीक्षक, DM की क्या भूमिका थी।  सुनवाई के बाद उच्च न्यायालय की डिवीजन बेंच ने बंगाल सरकार को रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। राज्य ने रिपोर्ट सौंपी। अदालत ने भाजपा की मांग को स्वीकार करते हुए निशित प्रमाणिक के काफिले पर हुए हमले की जांच CBI से कराने का आदेश दिया। अब, CBI के वकील ने कहा कि उच्च न्यायालय द्वारा घटना की CBI जांच के आदेश के बाद भी बंगाल पुलिस मामले के कागज़ात नहीं सौंप रही है। इसके कारण जांच शुरू नहीं हो पा रही है।

CBI ने मंगलवार को कोर्ट की अवमानना ​​का केस दर्ज करने की इजाजत मांगी। CBI का दावा है कि पुलिस ने अदालत की अवमानना ​​की है। इसलिए पुलिस के खिलाफ अदालत की अवमानना ​​का मामला दर्ज होना चाहिए। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवज्ञानम और जस्टिस हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने CBI को वह इजाजत दे दी है।

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