दुनिया का ऐसा पहला मंदिर जहाँ पानी से जलता है दीपक

भारत भूमि रहस्यों व चमत्कारों से भरी हुई है. हम बात करें धार्मिक स्थलों की, तो यहाँ अक्सर चमत्कार होते रहते है, जिनके कारण व्यक्ति इन धार्मिक स्थलों पर श्रद्धा भाव से अपना शीश झुका देता है. भारत में ऐसे बहुत से मंदिर है, जहाँ अक्सर चमत्कार होते रहते है. ऐसा ही एक मंदिर गड़ियाघाट वाली माता का है, जो नलखेड़ा से 15 किलोमीटर की दूरी पर कलिसिंधी नदी के तट पर बना है. इस मंदिर में पिछले पांच वर्षों से पानी के द्वारा दीपक जालाया जा रहा है.

आप भी सोच रहे होंगे की ऐसा कैसे हो सकता है? इस बात को सुनकर किसी को भी विश्वास नहीं होगा, किन्तु यह सत्य है. माता के इस चमत्कार को देखने के लिए दूर-दूर से लोग यहाँ आते है. दर्शनार्थी के अनुसार मंदिर के दीपक में जब पानी डाला जाता है, तो वह एक चिपचिपे द्रव्य के सामान हो जाता है, जिसके कारण दीपक की ज्योत जलने लगती है. इस चमत्कार को देखकर व्यक्ति को अपनी आँखों पर विश्वास नहीं होता.

इस मंदिर के पुजारी का कहना है की सभी मंदिरों की भाँती पहले इस मंदिर में भी तेल या घी से ही दीपक जलाया जाता था, किन्तु एक रात्री को माता ने पुजारी को दर्शन देकर कहा की कल से तुम मेरे मंदिर का दीपक कालीसिंध नदी के जल से प्रज्वलित करो. अगले दिन जब पुजारी ने माता के कहे आनुसार कालीसिंध नदी के जल से दीपक जलाया, तो वह बिना किसी परेशानी के आसानी से जल गया. 

इस बात पर उस गाँव के लोगों ने भी विश्वास नहीं किया, लेकिन जब उन्होंने अपनी आँखों से देखा की सच में पानी से दीपक जल रहा है, तो उनका सिर श्रद्धा व भक्ति भाव से माता के चरणों में झुक गया. आपको बता दें, की वर्ष में चार माह वर्षा काल के दौरान यह मंदिर कालीसिंध नदी के जल में डूबा रहता है. इस कारण से चार माह तक इसमें दीपक नहीं जलाया जाता, लेकिन चैत्र नवरात्रि के प्रारंभ से ही माता की पूजा प्रारंभ कर दी जाती है व कालीसिंध नदी का जल लाकर दीपक जलाया जाता है.

 

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