'UCC को बर्दाश्त नहीं करेगा देश का मुसलमान, CAA-NRC जैसा रिएक्शन होगा..', क्या दंगे की धमकी दे रहे मौलाना मुश्ताक मलिक ?

हैदराबाद: भाजपा ने रविवार (14 अप्रैल, 2024) को लोकसभा चुनाव से पहले ‘मोदी की गारंटी’ नाम से  अपना घोषणापत्र जारी कर दिया है। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व वाली समिति ने इस संकल्प-पत्र को तैयार किया है। इसमें लगातार तीसरी बार मोदी सरकार बनने के बाद समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने का वादा किया है। UCC भाजपा के लिए काफी पुराना मुद्दा है, शुरू से भाजपा एक देश एक कानून लागू करने की बात करती रही है। संविधान का अनुच्छेद 44 भी सभी भारतीयों के लिए एक कानून होने की बात करता है और समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए कहता है। यहाँ तक कि हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट भी UCC लागू करने के लिए कह चुका है, लेकिन भारत का मुस्लिम समुदाय शुरू से इसका विरोध करता रहा है। 

हालाँकि, ये भी गौर करने वाली बात है कि, भारत का मुस्लिम समाज अक्सर ये कहता है कि उन्होंने इस्लामिक मुल्क पाकिस्तान की जगह धर्मनिरपेक्ष भारत को चुना था और वे संविधान को मानते हैं। लेकिन जब भारत के धर्मनिरपेक्ष कानून को मानने की बात आती है, तो वे कहते हैं कि वो शरिया (इस्लामिक कानून) के हिसाब से ही चलेंगे। आए दिन इस तरह की बयानबाज़ी होती रहती है। अब मौलाना मुस्ताक मलिक ने भाजपा के घोषणापत्र में शामिल समान नागरिक संहिता को लेकर धमकी दी है।

 

हैदराबाद स्थित ‘तहरीक मुस्लिम शब्बन’ के प्रमुख मौलाना मुस्ताक मलिक का कहना है कि UCC के मसले पर हम (मुस्लिम समाज) इसके खिलाफ हैं और इसे लाने का प्रयास किया जाएगा, तो इसके विरोध में प्रतिक्रिया वैसी ही होगी, जैसी नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) पर हुई थी। बता दें कि CAA-NRC के विरोध में दिल्ली में मुस्लिम समाज ने लंबा विरोध प्रदर्शन किया था, शाहीनबाग समेत कई जगहों पर रास्ते ब्लॉक करके धरना प्रदर्शन किया गया था, लेकिन जब इसके समर्थकों ने रैली निकाली तो उन पर हमला कर दिया गया और दंगे भड़क गए। 

दिल्ली के हिन्दू विरोधी दंगों में 50 से अधिक लोग मारे गए थे और लगभग 250 घायल हो गए थे।  2020 दंगों का मुख्य आरोपी और आम आदमी पार्टी (AAP) का पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन खुद कबूल चुका है कि, उसने हिन्दुओं को सबक सीखाने के लिए यह साजिश रची थी। ताहिर ने कोर्ट में कबूला कि, उसने इलाके के CCTV तुड़वा दिए थे और अपने लोगों को लाठी-डंडों और हथियारों को इकठ्ठा करने के लिए कहा था। जबकि, दूसरी तरफ हिन्दुओं को यह पता ही नहीं था, कि उन पर हमला करने के लिए कई दिनों से तैयारी चल रही है। किसी भी अनहोनी की आशंका से बेफिक्र हिन्दुओं पर जब हमला हुआ, तो वे खुद को बचा भी न सके। कोर्ट ने यह भी माना है कि सबूतों से यह पता चला है कि तमाम आरोपित हिंदुओं को निशाना बनाने, उन्हें मारने और संपत्तियों को ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुँचाने में लिप्त थे। हिंदुओं पर अंधाधुंध फायरिंग यह स्पष्ट करती है कि यह भीड़ जानबूझकर हिंदुओं की हत्या चाहती थी। अब मौलाना ने उसी तरह की प्रतिक्रिया की धमकी दी है, तो क्या ये माना जाए कि मौलाना फिर से देश में दंगे भड़काने की धमकी दे रहे हैं। 

 

वहीं, मौलाना ने आगे कहा कि भारत के मुसलमान इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि अल्पसंख्यक हित के मुद्दों पर भाजपा की जबान बंद रहती है और मुस्लिमों को दूसरे दर्जे का नागरिक बनाने का प्रयास किया जा रहा है। मौलाना ने आगे कहा कि ये देश को उस तरफ ले जा रहे हैं, जहाँ सांप्रदायिक ध्रुवीकरण पर चुनाव लड़ने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि पहला चरण अब नजदीक आ गया है, लेकिन भाजपा अपने इरादे में सफल नहीं हो पाएगी। यही नहीं, मौलाना ने ये भविष्यवाणी भी कर दी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने तीसरे कार्यकाल में लाल किले से झंडा नहीं फहरा सकेंगे। 

वहीं, इस मुद्दे पर भाजपा का कहना है कि हमारे संविधान निर्माताओं ने UCC लागू करने की बात कही थी, तभी अनुच्छेद 44 को संविधान में शामिल किया गया था। भाजपा का कहना है कि, जब तक UCC लागू नहीं होता, तब तक देश की महिलाओं को समान अधिकार नहीं मिल सकता। भाजपा नेताओं का कहना है कि पार्टी सर्वश्रेष्ठ परंपराओं से प्रेरित UCC के लिए प्रतिबद्ध है, जिनमें उन परंपराओं को आधुनिक हिसाब से ढाला जाएगा।

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