त्रयोदशी प्रदोष व्रत के प्रताप से होते हैं यह लाभ

हिंदू पंचांग के अनुसार प्रदोष व्रत के सम्बन्ध में शास्त्रों में वर्णित  हैं कि जो मानव इस व्रत को 11 या 26 त्रयोदशियों तक रखने का संकल्प लेकर उसके बाद यथा विधिपूर्वक इसका उद्यापन करता हैं उसे दो गायों को दान देने के समान पुन्य फल प्राप्त होता है और वह जन्म जन्मांतर के बंधनो से मुक्त होकर वैकुण्ड धाम को प्राप्त करता हैं. 

वैसे तो यह व्रत सातो दिनों में से किसी भी दिन आ सकता हैं पर क्या आप जानते हैं दिन के आधार पर इस प्रदोष व्रत के क्या-क्या लाभ प्राप्त होते हैं. आज हम आपको बताएँगे दिन के आधार पर प्रदोष व्रत के लाभ के बारे में 

1  यदि आप प्रदोष व्रत रविवार के दिन रखते हैं, तो आपको सदैव निरोग स्वास्थ्य का लाभ प्राप्त होता हैं. 

2  यदि आप प्रदोष व्रत सोमवार के दिन रखते हैं तो आपकी मन की इच्छापूर्ति का लाभ प्राप्त होता हैं.

3   यदि आप प्रदोष व्रत  मंगलवार के दिन रखते हैं तो आप को रोगमुक्त स्वास्थ्य की प्राप्ति होती हैं.

4   यदि आप प्रदोष व्रत बुधवार के दिन  रखते हैं तो आपकी सभी प्रकार की कामना सिद्ध होती है.

5  यदि आप प्रदोष व्रत बृहस्पतिवार के दिन  रखते हैं तो आपके शत्रुओं का नाश होता है.

6  यदि आप प्रदोष व्रत शुक्रवार के दिन  रखते हैं तो आपको सौभाग्य वृद्धि का सुख प्राप्त होता हैं . 

7   यदि आप प्रदोष व्रत  शनिवार के दिन  रखते हैं तो आपको फलस्वरूप पुत्रधन की प्राप्ति होती है.

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