पटना: बिहार में विधानसभा चुनाव में अब 10 माह से भी कम समय बचा है। एनडीए के भीतर तो नीतीश कुमार के चेहरे पर चुनाव लड़ने की सहमति पहले ही बन गई है, किन्तु महागठबंधन का चेहरा कौन होगा, यह अब तक स्पष्ट नहीं है। ऐसे में राजद ने एकतरफा निर्णय लेते हुए तेजस्वी को सीएम पद का चेहरा घोषित कर दिया। तेजस्वी के लिए विरोधियों के साथ ही अपनों से भी निपटना एक बड़ी चुनौती है। तेजस्वी को अब यह सोचना है कि महागठबंधन को किस तरह साथ लेकर चला जाए और अन्य दल भी उनके नाम पर सहमति जाहिर की है। तेजस्वी को राजद की ओर से सीएम पद का उम्मीदवार बनाए जाने के पहले ही कांग्रेस के नेता इस पर असहमति जाहिर कर चुके हैं। हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के अध्यक्ष जीतन राम मांझी भी कह चुके हैं तेजस्वी राजद के मुख्यमंत्री उम्मीदवार हैं, महागठबंधन के नहीं। हालांकि, लोकसभा चुनाव से पहले जीतन राम मांझी तेजस्वी को सीएम पद का उम्मीदवार बनाने की लगातार हिमायत करते थे। राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा और वीआईपी अध्यक्ष मुकेश सहनी इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं। रालोसपा और वीआईपी तेजस्वी को मुख्यमंत्री उम्मीदवार बनाने के सवाल पर कुछ भी बोलने से बचते रहे हैं। धनबाद में गरजे पीएम मोदी, कहा- नार्थ-ईस्ट में आग लगाने की कोशिश कर रही भाजपा, बहकावे में ना आएं नागरिकता संसोधन विधेयक: प्रियंका बोलीं- बिल के खिलाफ मज़बूती से लड़ेगी कांग्रेस टेरर फंडिंग मामला: आतंकी हाफिज सईद के खिलाफ तय हुए आरोप, अमेरिका ने कहा- जल्द हो सुनवाई