लोकसभा चुनाव: भाजपा से अपना गढ़ बचाने की तैयारी में जुटी सुप्रिया सुले

पुणे: नेशनल कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की नेता सुप्रिया सुले 2014 में 'मोदी लहर' के बाद भी अपनी सीट बचाने में सफल रहीं थी, और इस लोकसभा चुनाव में भी वे भाजपा को अपने पिता शरद पवार का किला माने जाने वाले बारामती लोकसभा सीट में सेंध लगाने से रोकने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं. सुले ने 2014 में भाजपा की सहयोगी पार्टी राष्ट्रीय समाज पक्ष (आरएसपी) के महादेव जंकर को 70 हजार वोटों से परास्त किया था. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने 2019 लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र की कुल 48 में से 45 लोकसभा सीटों पर जीत का लक्ष्य निर्धारित किया है.

इनमें पवार परिवार का गढ़ बारामती लोकसभा सीट भी शामिल है. भाजपा ने बारामती से इस बार अपने चुनाव चिह्न पर प्रत्याशी खड़ा कर राकांपा को कड़ी चुनौती देने की अपनी मंशा स्पष्ट कर दी है. एनसीपी 1999 से ही बारमती सीट से जीत हासिल करती रही है. 2014 में पार्टी प्रमुख शरद पवार की बेटी सुले ने जंकर को 70 हजार वोटों से मात दी थी. वैसे कहने को तो यह अच्छी जीत थी, किन्तु 2009 के मुकाबले यह अंतर बेहद कम था.

2009 में जीत का अंतर तीन लाख मतों से अधिक था. इस बार चुनाव में भाजपा ने दौंड लोकसभा सीट से आरएसपी विधायक राहुल कुल की पत्नी कंचन कुल को सुले के विरुद्ध बारामती से अपना प्रत्याशी बनाया है. सुले इस बार लोकसभा चुनाव जीतने और अपने गढ़ को बचाए रखने में जी जान लगा रही हैं.

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