आज़म खान की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से माँगा जवाब, जौहर यूनिवर्सिटी से जुड़ा है मामला

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने समाजवादी पार्टी (सपा) के MLA आजम खान की जमानत से जुड़ी एक शर्त पर रोक के अपने आदेश के अनुपालन को लेकर यूपी सरकार से गुरुवार को जवाब तलब किया है। यह मामला आजम खान की जमानत से जुड़ी इलाहाबाद हाई कोर्ट की शर्त पर सुप्रीम कोर्ट की रोक से संबंधित है। दरअसल, आजम खान ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई अपनी याचिका में दावा किया था कि उक्त शर्त उनके जौहर विश्वविद्यालय के एक हिस्से को ढहाने से जुड़ी हुई है, जिसे कथित तौर पर शत्रु संपत्ति पर कब्जा करके बनाया गया था। जमानत संबंधी शर्त में हाई कोर्ट द्वारा इस जमीन को कुर्क करने के आदेश दिए गए थे।

अब सपा MLA आज़म खान ने आरोप लगाते हुए कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के स्थगन आदेश के बाद भी उत्तर प्रदेश सरकार ने जौहर विश्वविद्यालय परिसर से कांटेदार तार के बाड़ नहीं हटाए, जिससे उसके संचालन में समस्या आ रही हैं। न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला की बेंच ने कहा कि राज्य सरकार 19 जुलाई तक मामले पर अपना जवाब दाखिल करे। इसके बाद अदालत ने याचिका को 22 जुलाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया।

सुप्रीम कोर्ट की अवकाशकालीन पीठ ने 27 मई को कहा था कि इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा लगाई गई जमानत संबंधी शर्त प्रथम दृष्टया असंगत और दीवानी अदालत की ‘डिक्री’ की तरह लगती है। इसके साथ ही अदालत ने रामपुर के डीएम को विश्वविद्यालय से जुड़ी जमीन पर कब्जा करने के लिए हाई कोर्ट द्वारा जारी निर्देशों पर रोक लगा दी थी।

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